ललिता जयंती 2025, जानें पूजन विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

ललिता जयंती 2025, जानें पूजन विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त
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ललिता जयंती, जिसे षोडशी जयंती के नाम से भी जाना जाता है, देवी ललिता त्रिपुर सुंदरी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व मां ललिता के सौंदर्य, शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है। देवी को राजेश्वरी, षोडशी और त्रिपुर सुंदरी के नामों से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से साधक को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और आध्यात्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।

ललिता जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, शाम 06:55 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, शाम 07:22 बजे

ललिता जयंती तिथि: बुधवार, 12 फरवरी 2025

ललिता जयंती का महत्व:ललिता जयंती का विशेष महत्व तांत्रिक साधना और श्रीविद्या उपासना में है। मां ललिता को सौंदर्य, शक्ति और ज्ञान की देवी माना जाता है। उनका स्मरण करने से साधक को नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

ललिता जयंती की पूजा विधि:

1. प्रातःकाल स्नान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को पवित्र करें।

2. कलश स्थापना: तांबे या पीतल के कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें।

3. देवी ललिता की प्रतिमा या चित्र की स्थापना: देवी के सामने दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें।

4. व्रत का संकल्प: देवी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

5. पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा: लाल पुष्प, कुमकुम, चंदन, अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

6. मंत्र जाप: “ओं लख्स्मी ओम् ह्रीं क्लीं क्लाओं ह्रीं” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

7. आरती और प्रार्थना: देवी की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।

ललिता जयंती पर किए जाने वाले विशेष उपाय:

* लाल रंग के पुष्प और वस्त्र अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।

* गरीबों को लाल वस्त्र, फल और मिठाइयों का दान करें।

* कन्या पूजन करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

ललिता जयंती देवी ललिता त्रिपुर सुंदरी के अद्भुत स्वरूप और उनके दिव्य गुणों की उपासना का पर्व है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा साधक के जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और आध्यात्मिक जागरूकता लाती है। देवी की कृपा से जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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