माघ कृष्ण पक्ष नवमी, गुरुवार का विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त की जानकारी
आज का दिन ज्योतिष और धर्म की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। गुरुवार का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के साथ-साथ कुछ खास बातें, जो इस दिन को और भी विशेष बनाती हैं।
माघ कृष्ण पक्ष नवमी का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास को पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इस मास में नदी स्नान, पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। नवमी तिथि को शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति के लिए अनुकूल माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु या देवी दुर्गा की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
शुभ मुहूर्त और पंचांग
तिथि: माघ कृष्ण पक्ष की नवमी
दिन: गुरुवार
तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी 2025 को रात 11:32 बजे
तिथि समाप्त: 25 जनवरी 2025 को रात 01:15 बजे
नक्षत्र: विशाखा
योग: गण्ड योग
करण: तैतिल और गर
वार: गुरुवार
राहुकाल का समय
गुरुवार के दिन राहुकाल का समय दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान शुभ कार्यों को टालना उचित है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:10 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:45 बजे
गुरुवार के दिन के खास उपाय
गुरुवार का दिन धन, ज्ञान और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करने का होता है। इस दिन कुछ खास उपाय करके आप अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं:
1. भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
2. गरीबों को पीले वस्त्र, चने की दाल और हल्दी का दान करें।
3. केले के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे दीप जलाएं।
4. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने व्यवहार में शुद्धता रखें।
गुरुवार को किन कार्यों से बचें?
* इस दिन नमक का सेवन कम करें।
* किसी को उधार देने से बचें।
* वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।
धार्मिक महत्व
माघ मास में नवमी तिथि को उपवास रखने और नदी स्नान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से व्यक्ति को जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि और गुरुवार का यह संयोग बेहद शुभ है। इस दिन धर्म-कर्म और पूजा-पाठ में ध्यान लगाना न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी कम करता है। शुभ मुहूर्त और ज्योतिषीय उपायों का पालन करके इस दिन को अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |