माघ पूर्णिमा 2025 गंगा स्नान का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व, जानें शुभ मुहूर्त और लाभ

माघ पूर्णिमा 2025 गंगा स्नान का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व, जानें शुभ मुहूर्त और लाभ
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हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने से जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। श्रद्धालु इस दिन बड़ी संख्या में पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। खासतौर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी और क्षिप्रा जैसी नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

आइए जानते हैं कि माघ पूर्णिमा 2025 का शुभ मुहूर्त, गंगा स्नान का महत्व और इस दिन किए जाने वाले प्रमुख धार्मिक कार्य क्या हैं।

🌕 माघ पूर्णिमा 2025 का शुभ मुहूर्त

📅 तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, मंगलवार (रात 09:24 बजे से)

📅 तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, बुधवार (रात 11:59 बजे तक)

स्नान और दान-पुण्य का श्रेष्ठ समय:

12 फरवरी 2025 की प्रातः काल से दोपहर तक गंगा स्नान और दान करना विशेष फलदायी रहेगा।

🛕 माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

1. गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति:

शास्त्रों में कहा गया है कि "माघे निमग्नः सलिले सुशीते, विमुक्तपापः त्रिदिवं प्रयाति", यानी जो व्यक्ति माघ मास में ठंडे जल में स्नान करता है, वह पापों से मुक्त होकर स्वर्ग प्राप्त करता है।

2. दान और पुण्य का प्रभाव:

इस दिन किए गए दान, हवन, और तपस्या का फल कई गुना अधिक मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गोदान, तिल दान, वस्त्र दान और अन्न दान करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।

3. देवताओं की विशेष कृपा:

माघ पूर्णिमा को देवताओं का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, शिव और सूर्यदेव की उपासना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

4. कल्पवास का समापन:

प्रयागराज में गंगा तट पर चल रहे एक महीने के कल्पवास का समापन इसी दिन होता है। कल्पवासी एक माह तक तप, ध्यान, और नियमों का पालन करते हैं, और पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के साथ इस अनुष्ठान को पूर्ण करते हैं।

🏞️ गंगा स्नान करने के प्रमुख स्थल

माघ पूर्णिमा के अवसर पर देशभर में कई धार्मिक स्थलों पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। श्रद्धालु हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, उज्जैन, नासिक, त्र्यंबकेश्वर, गया और पुष्कर जैसी तीर्थस्थलों पर गंगा स्नान के लिए एकत्र होते हैं।

विशेष रूप से प्रयागराज संगम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान करना अति शुभ माना जाता है।

🙏 इस दिन किए जाने वाले शुभ कार्य

✅ गंगा स्नान करें और जल में तिल डालकर आचमन करें।

✅ भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

✅ जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और कंबल दान करें।

✅ गौ माता को चारा और गुड़ खिलाएं।

✅ तिल, गुड़, और घी से हवन करें।

🔮 ज्योतिषीय दृष्टिकोण से माघ पूर्णिमा

1. चंद्रमा का विशेष प्रभाव:

माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण ऊर्जा में होता है, जिससे मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। इस दिन की गई पूजा और ध्यान मन को शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।

2. धन और समृद्धि के लिए शुभ योग:

माघ पूर्णिमा को धन और व्यापार वृद्धि के लिए भी उत्तम माना जाता है। व्यापारी इस दिन लक्ष्मी पूजन और दान करके आर्थिक उन्नति की कामना करते हैं।

माघ पूर्णिमा 2025 एक पवित्र और आध्यात्मिक दिन है, जिसमें गंगा स्नान, दान-पुण्य और उपासना का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी आती है। जो भी व्यक्ति इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पुण्य कर्म करता है, उसे भगवान विष्णु और शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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