माघ पूर्णिमा 2025 कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती और महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान – जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

माघ पूर्णिमा 2025 कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती और महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान – जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
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माघ पूर्णिमा 2025 का पर्व इस बार 12 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस विशेष दिन का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि यह न केवल पूर्णिमा तिथि है, बल्कि इस दिन कुंभ संक्रांति और संत गुरु रविदास जयंती भी मनाई जाएगी। यही नहीं, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का चौथा अमृत स्नान भी इसी दिन संपन्न होगा, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा प्रारंभ – 11 फरवरी 2025, शाम 6:55 बजे

माघ पूर्णिमा समाप्त – 12 फरवरी 2025, रात 7:22 बजे

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:19 से सुबह 6:10 तक

पूजा मुहूर्त – सुबह 7:02 से सुबह 9:49 तक

चंद्रोदय का समय – शाम 5:59 बजे

लक्ष्मी पूजन का समय – 13 फरवरी को प्रातः 12:09 से प्रातः 1:01 तक

माघ पूर्णिमा का महत्व

हिंदू शास्त्रों में माघ पूर्णिमा का विशेष स्थान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे "माघी पूर्णिमा" भी कहा जाता है और यह पूरे माघ मास में किए गए तप और धार्मिक कार्यों का समापन करने का दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ 2025 का चौथा अमृत स्नान

माघ पूर्णिमा के दिन महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान भी आयोजित होगा, जिसे अत्यंत शुभ और पुण्यकारी माना जाता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करेंगे। नागा साधु, संत-महात्मा और श्रद्धालु इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर आत्मशुद्धि करेंगे। महाकुंभ में इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कुंभ संक्रांति और इसका महत्व

कुंभ संक्रांति भी इसी दिन पड़ रही है, जो विशेष रूप से मकर संक्रांति की ही तरह शुभ मानी जाती है। इस दिन सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करता है, जिससे संक्रांति का विशेष महत्व बढ़ जाता है। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना अधिक मिलता है।

गुरु रविदास जयंती 2025

12 फरवरी को ही संत गुरु रविदास की जयंती भी मनाई जाएगी। संत रविदास भक्तिकाल के प्रमुख संतों में से एक थे और समाज में समानता, भक्ति और प्रेम का संदेश दिया था। उनके उपदेशों को अनुसरण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आध्यात्मिक उत्थान होता है।

माघ पूर्णिमा पर क्या करें शुभ कार्य?

* पवित्र नदियों में स्नान – इस दिन गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

* दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, तिल, गुड़ और कंबल दान करना अत्यंत शुभ होता है।

* व्रत और पूजा करें – इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

* गाय को चारा खिलाएं – इस दिन गाय को हरा चारा या आटा खिलाने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

* सत्संग और भजन-कीर्तन करें – संतों के प्रवचन सुनें और भगवान के भजन-कीर्तन में भाग लें।

* पितरों के लिए तर्पण करें – पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए जल तर्पण और श्राद्ध कर्म करें।

माघ पूर्णिमा 2025 एक अत्यंत पवित्र अवसर है, जिसमें कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती और महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान एक साथ मनाए जाएंगे। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यदि आप प्रयागराज में महाकुंभ का हिस्सा बन सकते हैं, तो यह जीवन का सबसे पावन अनुभव होगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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