माघ पूर्णिमा 2025 144 वर्षों बाद बन रहा है दुर्लभ योग, महाकुंभ में होगा चौथा शाही स्नान
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फरवरी 2025 में पड़ने वाली माघ पूर्णिमा इस बार बेहद विशेष और ऐतिहासिक बन गई है। ऐसा अद्भुत संयोग 144 साल बाद बन रहा है, जब माघ पूर्णिमा पर एक दुर्लभ शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस पावन अवसर पर महाकुंभ का चौथा शाही स्नान भी संपन्न होगा, जिसे बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
माघ पूर्णिमा 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, रात
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, रात
माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व:
माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पावन माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, और व्रत करने से हजारों यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है। विशेष रूप से जब यह तिथि महाकुंभ के शाही स्नान के साथ जुड़ जाए, तब इसका पुण्य और भी बढ़ जाता है।
144 वर्षों बाद बन रहा है यह दुर्लभ संयोग:
इस माघ पूर्णिमा पर ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण एक दुर्लभ राजयोग बन रहा है, जो जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक उन्नति के संकेत देता है। ऐसा संयोग पिछले 144 वर्षों में नहीं बना था, जिससे इस वर्ष का स्नान और दान अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।
महाकुंभ 2025 का चौथा शाही स्नान:
महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है क्योंकि इसे अमृत प्राप्ति के समान पुण्यदायक माना जाता है। लाखों श्रद्धालु इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर मोक्ष की कामना करते हैं।
शाही स्नान के लाभ:
* पापों का नाश और आत्मिक शुद्धि
* ग्रह दोषों से मुक्ति
* जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
माघ पूर्णिमा पर करने योग्य शुभ कार्य:
1. गंगा स्नान: यदि संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
2. दान-पुण्य: तिल, गुड़, कंबल, अन्न, और वस्त्र का दान करें।
3. भगवान विष्णु और शिव की पूजा: विष्णु सहस्रनाम और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
4. जल अर्पण: सूर्यदेव को अर्घ्य देना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
5. व्रत-उपवास: माघ पूर्णिमा पर व्रत रखने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या न करें:
. किसी से कटु वचन न बोलें।
. आलस्य और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
. अनावश्यक खर्च और विवादों से बचें।
12 फरवरी 2025 को पड़ने वाली माघ पूर्णिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ है। इस दिन बन रहा दुर्लभ संयोग और महाकुंभ का शाही स्नान इसे और भी खास बनाता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ स्नान, दान, और पूजा कर आप अपने जीवन को सकारात्मकता और पुण्य से भर सकते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |