महाकुंभ 2025, जानें कब है पावन स्नान का सर्वोत्तम समय
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महाकुंभ मेला, जिसे श्रद्धा और आस्था का महासंगम कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस मेले में स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। हालांकि महाकुंभ में दिन के किसी भी समय स्नान किया जा सकता है, परंतु विशेष तिथि और शुभ मुहूर्त में स्नान करना अधिक फलदायी माना जाता है।
महाकुंभ स्नान का शुभ समय
महाकुंभ 2025 के दौरान माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्नान के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किया गया है:
स्नान का मुख्य समय: सुबह 5:19 बजे से 6:10 बजे तक
अमृत काल: 5:55 बजे से 7:35 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:27 बजे से 3:11 बजे तक
इन पावन समयों में स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। खासकर अमृत काल और विजय मुहूर्त को अत्यंत शुभ माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त: सबसे पावन समय
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे के बीच का समय) को विशेष रूप से शुभ और पवित्र माना जाता है। यह समय ध्यान, जप, तप, और स्नान के लिए सर्वोत्तम है। मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है।
स्नान के साथ करें ये पुण्य कार्य:
* पवित्र नदियों में डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य करें।
* अन्न, वस्त्र, धन और तिल का दान विशेष फलदायी माना जाता है।
* गरीबों और जरूरतमंदों को अन्नदान करें।
* मंत्रों का जप करें और भगवान विष्णु, शिव और अपने इष्ट देवता की पूजा करें।
महाकुंभ में स्नान करना एक पवित्र आध्यात्मिक अनुभव है। यदि आप विशेष मुहूर्त में स्नान करते हैं तो आपको दोगुना पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए इस महापर्व के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पुण्य कर्म अवश्य करें ताकि आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
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