महाकुंभ 2025 प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी को ही क्यों किया गंगा स्नान? जानें इस विशेष दिन का महत्व
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को पहुंचे। उन्होंने पवित्र गंगा स्नान कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की और इसके बाद भव्य गंगा आरती में भी शामिल हुए। इस ऐतिहासिक क्षण ने न सिर्फ देशभर के श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया कि पीएम मोदी ने स्नान के लिए विशेष रूप से 5 फरवरी का दिन ही क्यों चुना? हिंदू धर्मशास्त्रों और पंचांग के अनुसार, इस दिन का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि 5 फरवरी 2025 को कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और यह दिन धार्मिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है।
महाकुंभ 2025 में प्रधानमंत्री मोदी का आगमन
प्रयागराज का महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है, जहां करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं। इस पवित्र अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संगम तट पर स्नान कर देशवासियों के साथ आध्यात्मिक एकता को दर्शाया।
* पवित्र गंगा स्नान: पीएम मोदी ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया।
* गंगा आरती में सहभागिता: स्नान के बाद उन्होंने संगम तट पर भव्य गंगा आरती में भाग लिया और देश की समृद्धि एवं कल्याण के लिए प्रार्थना की।
* आध्यात्मिक संदेश: महाकुंभ के दौरान पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के मूल्यों को विश्वभर में पहुंचाने का संदेश दिया।
5 फरवरी को ही गंगा स्नान क्यों किया?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो गंगा स्नान को विशेष रूप से पुण्यदायी बनाते हैं।
1. माघ पूर्णिमा के प्रभाव का आरंभ
हिंदू धर्म में माघ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है।
इसे गंगा स्नान, दान-पुण्य और ध्यान के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
माघ पूर्णिमा के प्रभाव वाले दिनों में संगम में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है।
2. सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग
5 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसे अत्यंत शुभ और सिद्धिदायक माना जाता है।
इस योग में किए गए धार्मिक कार्य और स्नान से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य लाभ के लिए यह योग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
3. बुधादित्य योग का विशेष प्रभाव
इस दिन बुधादित्य योग बन रहा है, जिसमें सूर्य और बुध ग्रह की युति होती है।
यह योग मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए उत्तम माना जाता है।
इस योग के दौरान किया गया स्नान और पूजा व्यक्ति को बुद्धि, तेजस्विता और सफलता प्रदान करता है।
4. ध्रुव योग का प्रभाव
पंचांग के अनुसार, ध्रुव योग भी 5 फरवरी को बना हुआ है।
यह योग स्थायित्व, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।
इस योग में किए गए स्नान और दान से चिरकालिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
गंगा स्नान और कुंभ का महत्व
गंगा को हिंदू धर्म में मोक्षदायिनी माना गया है।
मान्यता है कि महाकुंभ में गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषियों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय देवता भी अदृश्य रूप से गंगा में स्नान करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं।
महाकुंभ में पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं से सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को सहेजने और भारतीय परंपराओं को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया और कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक धरोहर है।
महाकुंभ 2025 का यह विशेष दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 5 फरवरी को गंगा स्नान का चयन कोई संयोग नहीं, बल्कि हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन का अत्यधिक शुभ होना इसकी प्रमुख वजह है। इस दिन बनने वाले सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य योग और ध्रुव योग जैसे विशेष संयोगों के कारण इस दिन स्नान और पूजा करना कई गुना अधिक पुण्यदायी माना जाता है।
महाकुंभ 2025 में देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी इस आयोजन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी बढ़ाती है। यह आयोजन भारतीय आध्यात्मिकता, परंपरा और सनातन संस्कृति की अद्वितीय विरासत को दर्शाता है।
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