महाशिवरात्रि 2025 पर भद्रा का प्रभाव, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

महाशिवरात्रि 2025 पर भद्रा का प्रभाव, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण उपवास, रुद्राभिषेक और रात्रि जागरण कर भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं।

इस बार महाशिवरात्रि 2025 पर भद्रा का साया रहेगा, जिससे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होगा। भद्रा काल में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना शुभ फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि 2025 की तिथि, पूजा विधि और भद्रा काल की अवधि।

🔹 महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि 2025 की तिथि:

➡️ फाल्गुन मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि

➡️ महाशिवरात्रि व्रत 26 फरवरी 2025, बुधवार

🕕 शुभ मुहूर्त:

🔹 महाशिवरात्रि निशीथ काल पूजा का समय: रात 12:09 से 12:57 तक

🔹 रात्रि चार प्रहर पूजन मुहूर्त:

पहला प्रहर – शाम 06:18 से रात 09:24 तक

दूसरा प्रहर – रात 09:24 से 12:30 तक

तीसरा प्रहर – रात 12:30 से 03:36 तक

चौथा प्रहर – रात 03:36 से सुबह 06:42 तक

🕛 चतुर्दशी तिथि का समय:

🔹 शुरुआत: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे

🔹 समाप्ति: 27 फरवरी 2025 को सुबह 09:37 बजे

🔹 महाशिवरात्रि 2025 पर भद्रा का प्रभाव

🔸 भद्रा काल का समय:

26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे से रात 08:25 बजे तक

🔸 भद्रा का क्या प्रभाव होगा?

भद्रा काल में मांगलिक कार्य और शुभ कार्य निषेध माने जाते हैं। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नवीन वस्त्र धारण, नए कार्यों की शुरुआत आदि नहीं किए जाते। हालांकि, धार्मिक कार्यों में शिव पूजा, जप-तप और व्रत करने की छूट होती है। लेकिन महाशिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक और विशेष अनुष्ठान भद्रा समाप्त होने के बाद ही करना शुभ माना जाता है।

🔹 महाशिवरात्रि की पूजा विधि

📌 1. सूर्योदय से पहले स्नान करें –

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल युक्त जल से स्नान करना श्रेष्ठ माना जाता है। स्नान के बाद शुद्ध सफेद वस्त्र धारण करें।

📌 2. भगवान शिव का जलाभिषेक करें –

शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और चंदन अर्पित करें।

📌 3. महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प लें –

व्रत का संकल्प लेकर पूरे दिन फलाहार या निर्जल उपवास करें और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।

📌 4. रात्रि जागरण करें –

महाशिवरात्रि की रात चार प्रहरों में शिव पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दौरान "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और शिव महापुराण का पाठ करें।

📌 5. शिवरात्रि कथा का पाठ करें –

इस दिन शिव-पार्वती विवाह कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है।

📌 6. दान और भंडारा करें –

महाशिवरात्रि पर गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

🔹 महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें?

✅ क्या करें?

✔️ शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।

✔️ पूरे दिन शिव मंत्रों का जाप करें।

✔️ संयम और सात्विकता का पालन करें।

✔️ जरूरतमंदों को अन्न-जल का दान करें।

❌ क्या न करें?

❌ भद्रा काल में शिवलिंग पर नारियल पानी चढ़ाने से बचें।

❌ तामसिक भोजन, मांसाहार और नशे से दूर रहें।

❌ किसी का अपमान न करें और कटु वचन बोलने से बचें।

❌ व्रतधारी चावल और मसूर की दाल का सेवन न करें।

महाशिवरात्रि 2025 पर भद्रा का प्रभाव रहेगा, इसलिए शिव पूजन के लिए सही समय का चयन करना अत्यंत आवश्यक है। भद्रा काल में शिव मंत्रों का जाप और ध्यान किया जा सकता है, लेकिन अभिषेक और अन्य अनुष्ठान भद्रा समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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