मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान संपन्न, महाकुंभ 2025 का अगला बड़ा स्नान और शुभ मुहूर्त की जानकारी

मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान संपन्न, महाकुंभ 2025 का अगला बड़ा स्नान और शुभ मुहूर्त की जानकारी
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14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान का आयोजन हरिद्वार में भव्य रूप से किया गया। लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा के पावन जल में डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित किया और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया। इस शुभ अवसर के बाद अब कुंभ मेले में अगले बड़े स्नान की प्रतीक्षा हो रही है। आइए जानते हैं महाकुंभ 2025 के आगामी प्रमुख स्नान की तिथि, महत्व, और शुभ मुहूर्त।

महाकुंभ 2025 का महत्व

महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन हरिद्वार में हो रहा है, जहाँ करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि कुंभ के दौरान गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।

अगला बड़ा स्नान: तिथि और महत्व

महाकुंभ का अगला प्रमुख स्नान "मौनी अमावस्या" के दिन होगा, जो 29 जनवरी 2025 को पड़ रहा है। मौनी अमावस्या स्नान का कुंभ मेले में विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु मौन व्रत रखकर गंगा स्नान करते हैं, जिससे उनके मन और आत्मा की शुद्धि होती है।

तिथि: 29 जनवरी 2025

दिन: बुधवार

महत्व: मौनी अमावस्या पर स्नान करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

शुभ मुहूर्त: स्नान का सर्वश्रेष्ठ समय

29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

सूर्योदय का समय: सुबह 7:10 बजे

अमृत काल: सुबह 4:50 से 6:30 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:00 से 5:50 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:05 से 12:50 बजे तक

श्रद्धालु इन शुभ मुहूर्तों में स्नान करके अपना आध्यात्मिक लाभ बढ़ा सकते हैं।

महाकुंभ 2025 के अन्य महत्वपूर्ण स्नान

महाकुंभ के दौरान कई अन्य प्रमुख स्नान होंगे, जिनकी जानकारी नीचे दी गई है:

बसंत पंचमी स्नान: 13 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा स्नान: 14 फरवरी 2025

महाशिवरात्रि स्नान: 26 फरवरी 2025

महाकुंभ में स्नान के लाभ

कुंभ मेले में स्नान का धार्मिक महत्व अनंत है। यह न केवल आत्मा की शुद्धि करता है, बल्कि इसे आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का भी माध्यम माना जाता है। गंगा स्नान से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और उसे जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होता है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए निर्देश

महाकुंभ मेले में स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

1. समय पर गंगा घाटों पर पहुँचना और भीड़ से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करना।

2. अपने साथ पहचान पत्र और आवश्यक दवाइयाँ रखना।

3. स्नान के दौरान नदी में गहराई में जाने से बचें और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें।

महाकुंभ 2025 का अगला बड़ा स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा। इस दिन गंगा स्नान का महत्व विशेष रूप से माना गया है। यदि आप इस शुभ अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं, तो शुभ मुहूर्त में स्नान करें और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करें। कुंभ का हर स्नान अद्वितीय होता है, जो श्रद्धालुओं को दिव्यता और मोक्ष की ओर ले जाता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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