मंगलवार और भरणी नक्षत्र, बजरंगबली की उपासना का शुभ संयोग

मंगलवार और भरणी नक्षत्र, बजरंगबली की उपासना का शुभ संयोग
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हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व होता है, और मंगलवार का दिन विशेष रूप से भगवान हनुमान को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी की आराधना करते हैं, जिससे जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से बजरंगबली की भक्ति करता है, उसे अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।

इस बार मंगलवार को विशेष रूप से शुभ योग बन रहा है, क्योंकि इस दिन देर रात तक भरणी नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भरणी नक्षत्र 27 नक्षत्रों की श्रृंखला में दूसरा स्थान रखता है और इसे अत्यंत ऊर्जावान तथा परिवर्तनशील नक्षत्रों में गिना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो सौंदर्य, भोग-विलास और जीवन की रचनात्मक ऊर्जाओं से जुड़ा हुआ है। इस नक्षत्र का प्रभाव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला माना जाता है, और जब यह मंगल जैसे उग्र ग्रह से जुड़े दिन मंगलवार को पड़ता है, तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

भरणी नक्षत्र और हनुमान जी की पूजा का महत्व

भरणी नक्षत्र का संबंध यम देवता से भी बताया जाता है, जो कर्मों के अनुसार न्याय करने वाले माने जाते हैं। इस नक्षत्र का प्रभाव जीवन में अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने वाला होता है। वहीं, हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है, जो भक्तों के जीवन से सभी तरह की बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं। जब मंगलवार के दिन भरणी नक्षत्र का संयोग बनता है, तो यह दिन शक्ति, समर्पण और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से मनोबल में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है। खासतौर पर जो लोग शनि और राहु-केतु की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होते हैं, उनके लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी होता है। ऐसे में मंगलवार को भरणी नक्षत्र के दौरान बजरंगबली का ध्यान करने, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने और हनुमान मंदिर में दर्शन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

क्या करें और क्या न करें?

भरणी नक्षत्र और मंगलवार के इस शुभ संयोग में कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए ताकि हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सकारात्मक बदलाव आए। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके हनुमान जी को सिंदूर, चोला और लाल पुष्प अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाने से सभी संकटों का निवारण होता है।

वहीं, इस दिन क्रोध, अहंकार और बुरी संगत से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भरणी नक्षत्र का प्रभाव कभी-कभी व्यक्ति के स्वभाव में उग्रता ला सकता है। इसके अलावा, किसी को कटु वचन न बोलें और जरूरतमंद लोगों की सहायता करें, इससे पुण्य की प्राप्ति होगी।

मंगलवार और भरणी नक्षत्र का यह संयोग आध्यात्मिक उन्नति और ऊर्जा को बढ़ाने का उत्तम अवसर प्रदान करता है। इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं और सफलता के नए मार्ग खुलते हैं। भक्तों को चाहिए कि वे इस विशेष दिन का लाभ उठाएं और प्रभु की भक्ति में लीन होकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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