पौष माह की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, जानें कब है और पूजा का महत्व
- In मुख्य समाचार 17 Dec 2024 11:46 AM IST
संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष व्रत है, जो हर महीने की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत खासतौर पर उन जातकों के लिए लाभकारी माना जाता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति चाहते हैं। इस व्रत के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने से जातक के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और उनके जीवन में आशीर्वाद की वर्षा होती है।
इस साल, पौष माह की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर 2024 को आ रही है, जो बुधवार के दिन पड़ रही है। यह संयोग विशेष रूप से शुभ है, क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश का प्रिय दिन होता है। इस दिन गणपति की पूजा करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है और व्रत का फल दोगुना बढ़ जाता है।
संकष्टी चतुर्थी के व्रत का महत्व:
संकष्टी चतुर्थी व्रत का उद्देश्य भगवान गणेश से समस्त विघ्नों का नाश कराना और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति है। इस दिन गणेश जी का विधिपूर्वक पूजन करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और सफलता के रास्ते खुलते हैं। यह व्रत विशेष रूप से व्यापारियों, विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए शुभ होता है, क्योंकि इससे सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन पूजा करने का तरीका:
1. गणेश जी का स्वागत: संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और गणेश जी की पूजा करें।
2. उबटन और आभूषण: भगवान गणेश को सिंदूर, मोदक, दीप, और फूल अर्पित करें। उनके प्रिय भोगों में से मोदक विशेष रूप से अर्पित करें।
3. मंत्र जाप: इस दिन "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा को शीघ्र प्राप्त करने का सबसे प्रभावी उपाय है।
4. व्रत पालन: दिनभर उपवासी रहें और केवल फलाहार करें। रात को गणेश जी के चरणों में दीपक जलाएं और व्रत समाप्त करें।
विशेष लाभ:
इस दिन पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति को न केवल कष्टों से मुक्ति मिलती है, बल्कि व्यापार, शिक्षा, नौकरी, और पारिवारिक जीवन में भी सफलता मिलती है। खासकर जब संकष्टी चतुर्थी बुधवार को हो, तो यह दिन विशेष फल देने वाला होता है।
18 दिसंबर 2024 को होने वाली इस संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा से दोगुना फल प्राप्त होगा। तो इस विशेष दिन पर पूजा-अर्चना करके आप अपने जीवन में समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त कर सकते हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।