खरमास में यात्रा करना शुभ है या अशुभ? जानें इस विशेष अवधि के बारे में
- In मुख्य समाचार 20 Dec 2024 5:29 PM IST
हिंदू कैलेंडर में खरमास का समय एक महत्वपूर्ण और विशेष स्थिति होता है, जिसे विशेष रूप से मांगलिक कार्यों के संदर्भ में अशुभ माना जाता है। खरमास वह अवधि है जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है और इस दौरान ज्यादातर मांगलिक कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। लेकिन इस अवधि के दौरान यात्रा करना कितना शुभ या अशुभ है, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका उत्तर जानना जरूरी है। तो आइए, जानते हैं कि खरमास के दौरान यात्रा करना कैसे प्रभाव डाल सकता है और इस समय को किस प्रकार से समझा जाना चाहिए।
खरमास का महत्व
खरमास, जिसे "मलमास" भी कहा जाता है, वह समय होता है जब सूर्य मीन राशि में होते हैं। यह समय हिंदू धर्म में विशेष रूप से माना जाता है और इसे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। इस दौरान शादियों, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञ, नामकरण, और अन्य शुभ कार्यों पर प्रतिबंध होता है। इस अवधि में किए गए मांगलिक कार्यों के बारे में माना जाता है कि वे सफल नहीं होते और असमय फलित होते हैं। यही कारण है कि इस समय में विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
खरमास में यात्रा करना: शुभ या अशुभ?
खरमास के दौरान यात्रा करना एक जटिल मुद्दा हो सकता है, क्योंकि यह अवधि धार्मिक दृष्टिकोण से किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती। हालांकि, यात्रा के बारे में विचार करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने उद्देश्य और यात्रा के प्रकार को ध्यान में रखें।
1. धार्मिक यात्रा
अगर यात्रा धार्मिक उद्देश्य से की जा रही है, जैसे तीर्थ यात्रा या पूजा-पाठ के लिए, तो इसे अशुभ नहीं माना जाता। इस समय भी लोग धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं, क्योंकि इसे आत्मिक शांति और पुण्य प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इसके अलावा, जब व्यक्ति यात्रा के दौरान आध्यात्मिक उन्नति का उद्देश्य लेकर चलता है, तो खरमास का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
2. व्यावसायिक या सामाजिक यात्रा
यदि यात्रा का उद्देश्य व्यावसायिक या सामाजिक है, तो इसे खरमास के दौरान करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस समय यात्रा में असुविधाएं आ सकती हैं, जैसे कि रुकावटें, देरी, या नकारात्मक परिणाम। इस कारण से यह सलाह दी जाती है कि यदि यात्रा को टाला जा सके तो उसे टालने में ही भलाई है।
3. आपातकालीन यात्रा
यदि यात्रा किसी आपात स्थिति, जैसे स्वास्थ्य समस्या या व्यक्तिगत कारणों से करनी पड़े, तो इसे दुर्बल या अशुभ नहीं माना जाता। जीवन की आवश्यकता को देखते हुए ऐसी यात्रा को शुभ माना जाता है और इसे किसी भी तरह से निषेध नहीं किया जाता।
खरमास में यात्रा से जुड़ी सावधानियां
खरमास के दौरान यात्रा करते समय कुछ सामान्य सावधानियां बरतनी चाहिए:
यात्रा को अगर संभव हो तो इस समय में टालें, खासकर अगर यह कोई विशेष शुभ कार्य से जुड़ा हुआ नहीं है।
अगर यात्रा करनी ही है तो मानसिक शांति बनाए रखें और यात्रा से जुड़े किसी भी तनाव से बचने की कोशिश करें।
यात्रा से पहले पूजा-पाठ करें और यात्रा की सफलता के लिए भगवान से आशीर्वाद लें।
यात्रा के दौरान विशेष ध्यान दें कि किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना से बचने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करें।
कुल मिलाकर, खरमास के दौरान यात्रा करने का निर्णय आपके उद्देश्य पर निर्भर करता है। यदि यात्रा का उद्देश्य धार्मिक है, तो इसे शुभ माना जा सकता है, लेकिन यदि यात्रा व्यावसायिक या सामाजिक सांस्कृतिक से की जा रही है, तो इसे इस समय टालने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए सावधानियों पर हमेशा एक विचार होता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।