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अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर भव्य आयोजन, तीन दिवसीय समारोह की तैयारी

अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर भव्य आयोजन, तीन दिवसीय समारोह की तैयारी

अयोध्या में रामलला विराजमान...PS

अयोध्या में रामलला विराजमान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ को लेकर उत्सव का माहौल है। जहां 22 जनवरी 2024 को ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी, इस वर्ष उसकी वर्षगांठ 11 से 13 जनवरी तक मनाई जाएगी। तीन दिवसीय यह भव्य समारोह श्रद्धालुओं और धार्मिक आयोजनों की विशेष छटा बिखेरने के लिए तैयार है।

आयोजन का शुभारंभ: रामलला का अभिषेक और आरती

समारोह की शुरुआत 11 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे रामलला के अभिषेक और आरती के साथ हुई। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि देशभर से भक्तों और संत-समाज को आकर्षित कर रहा है। अभिषेक में पवित्र जल और चंदन के साथ वैदिक मंत्रोच्चार गूंज उठा, जिसने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

पांच स्थलों पर विशेष कार्यक्रम

राम मंदिर परिसर के भीतर पांच अलग-अलग स्थानों को आयोजन के लिए चिह्नित किया गया है। यहां 1975 मंत्रों के माध्यम से अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। यह अनुष्ठान प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 11 बजे और दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक संपन्न होगा। इस दौरान श्रद्धालु छह लाख मंत्र जाप, रामरक्षा स्तोत्र, और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

तीन दिवसीय उत्सव का विशेष आकर्षण

यह कार्यक्रम सिर्फ आध्यात्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेगा। उत्सव के दौरान भजन-संध्या, संत प्रवचन, और रामकथा का भी आयोजन होगा। श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण के पीछे की कहानी और भारतीय संस्कृति की धार्मिक गाथाओं का अनुभव कर सकेंगे। अयोध्या नगरी इन दिनों दीपों और सजावट से जगमगा रही है, जो उत्सव का उल्लास और बढ़ा रही है।

देशभर से भक्तों का आगमन

इस अवसर पर देशभर से भक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। भक्तों के लिए भोजन, ठहरने और पूजा-अर्चना की सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।

समापन समारोह: आध्यात्मिक शांति का संदेश

13 जनवरी को समापन समारोह का आयोजन होगा, जहां विशाल यज्ञ, आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा। इसके साथ, यह उत्सव भगवान राम के प्रति श्रद्धा, भक्ति और भारतीय संस्कृति के गौरव का प्रतीक बनेगा।

यह तीन दिवसीय भव्य आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि अयोध्या के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को विश्वपटल पर और ऊंचा उठाने का प्रयास है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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