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कोरोना से ठीक होने के बाद भी इन बातों का जरूर रखें ख्याल

कोरोना से ठीक होने के बाद भी इन बातों का जरूर रखें ख्याल

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर ने...Anupriya Tiwari

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर ने देश मे बहुत ही विकराल रूप धारण कर लिया है। रोजाना औसतन देश भर में तकरीबन चार लाख नए मरीज कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे हैं और लगभग 4000 मौतों का आंकड़ा रोजाना की दर से सामने आ रहा है। हालात जरूर भयावह है लेकिन इसका सामना संयम बरतते हुए मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग के ज़रिए किया जा सकता है। कोरोना से रिकवर वाले मरीजों को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि कोरोना वायरस से मुक्ति के बाद उसके होने वाले असर से बचा जा सके और एक बार पुनः सामान्य जीवन व्यतीत किया जा सके।

अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर मयंक सोमानी ने पोस्ट कोविड लक्षणों के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया, "कोरोना वायरस से संक्रमण के गंभीर मामलों में यह तथ्य सामने आया है कि मरीज के संक्रमित होने के कई दिनों बाद तक बीमारी का प्रभाव देखने को मिलता है। इन प्रभावों के चलते मरीज में थकान, गले में खराश आदि लक्षण शामिल थे। वहीं कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें किडनी, लिवर, हार्ट और आर्टरीज बुरी तरह से प्रभावित पाई गई है। कुछ मरीजों में कोरोना संक्रमण के कई हफ्तों बाद तक नसों में सुन्नपन्न, डिप्रेशन, भूलने की बीमारी जैसे लक्षण भी देखे गए हैं जो इस तथ्य की पुष्टि करता है कि कुछ मामलों में कोरोना वायरस से ब्रेन और नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचता है।"

डॉक्टर सोमानी ने बताया, " जैसा कि कोरोना अब ठीक हुए मरीजों पर हुई स्टडी से सामने आया है कि कई मरीजों के हार्ट की मसल्स की शरीर मे ब्लड को पंप करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। ऐसे में मरीज के शरीर में खून को पूरे शरीर मे प्रवाहित करने वाली आर्टरीज पतली होती चली जाती है।, इससे शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से नहीं हो पाता। ऐसे में मरीज को हार्ट अटैक होने का खतरा बना रहता है। यदि इसका डायग्नोसिस सही समय पर कर लिया जाए और डॉक्टर की सलाह से दवाएं और खानपान लिया जाए तो इस खतरे को टाला जा सकता है।"

डॉक्टर मयंक सोमानी ने ऐसे मरीजों को सलाह देते हुए कहा, "यदि मरीज के नेगेटिव होने के बाद भी कई दिनों तक ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें डॉक्टर की कड़ी निगरानी में पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम की बेहद आवश्यकता होती है।"

डॉ सोमानी ने पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम के विषय मे जानकारी देते हुए बताया, "अपोलोमेडिक्स में पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम में मरीज के अंदर पाए जाने वाले सिम्पटम्स का उचित डायग्नोसिस कर उससे सम्बंधित बेहतर से बेहतर ट्रीटमेंट दिया जाता है। साथ ही उन्हें फिजियोथेरेपी से शरीर को दुरुस्त रखने और कोविड संक्रमण के बाद शरीर मे आई पोषण की कमी को दूर करने के लिए डायटीशियन द्वारा सही डाइट की जानकारी दी जाती है। इन लक्षणों को डॉक्टर्स अपनी कड़ी निगरानी में नियंत्रित कर मरीज को जल्द से जल्द रिकवर कराने का प्रयास करते हैं। जो मरीज कोविड संक्रमण के पहले से किसी गम्भीर रोग से ग्रस्त हैं , उनके लिए यह पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोग्राम नितांत आवश्यक हो जाता है।"

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