फुलेरा दूज 2025 आज 1 मार्च को होगा यह शुभ पर्व, जानें पूजन मुहूर्त और धार्मिक महत्व

फुलेरा दूज हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है, जिसे रंगों और उमंग का पर्व कहा जाता है। यह पर्व फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, और इसे होली के पूर्व आयोजन के रूप में देखा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह दिन मांगलिक कार्यों और शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त देखे विवाह और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
फुलेरा दूज 2025 कब मनाई जाएगी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फुलेरा दूज का पर्व आज 1 मार्च 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
फुलेरा दूज 2025 का शुभ मुहूर्त
अगर आप इस दिन पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्य करना चाहते हैं, तो इसके लिए सही समय का ध्यान रखना आवश्यक है।
🔹 द्वितीया तिथि प्रारंभ: 29 फरवरी 2025, रात 11:48 बजे
🔹 द्वितीया तिथि समाप्त: 1 मार्च 2025, रात 10:20 बजे
🔹 पूजन का श्रेष्ठ समय: 1 मार्च को प्रातः 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व
1. इस दिन को श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
2. फुलेरा दूज पर बृज क्षेत्र में होली की धूम शुरू हो जाती है।
3. मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण स्वयं भक्तों के साथ होली खेलते हैं।
4. यह दिन वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बनाए रखने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
5. इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य बिना किसी रोक-टोक के किए जा सकते हैं, क्योंकि इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
फुलेरा दूज पर पूजन विधि
. प्रातःकाल उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
. भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की मूर्तियों को स्नान कराएं और उन्हें फूलों से सजाएं।
. अबीर-गुलाल चढ़ाकर होली का माहौल बनाएं और भजन-कीर्तन करें।
. श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं।
. इस दिन भगवान के समक्ष प्रेम और सौहार्द्र बनाए रखने की कामना करें।
इस दिन करने वाले विशेष कार्य
✅ शुभ कार्यों की शुरुआत – यदि किसी को विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्य करने हैं, तो यह दिन उत्तम होता है।
✅ भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में दर्शन – विशेषकर वृंदावन, बरसाना और नंदगांव में इस दिन भव्य आयोजन होते हैं।
✅ होली के रंगों से भगवान का श्रृंगार – गुलाल, चंदन और फूलों से श्रीकृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है।
✅ दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है।
फुलेरा दूज केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और आनंद का संदेश देने वाला दिन है। इस दिन श्रीकृष्ण और राधा के प्रति प्रेम भावना प्रकट करना और रंगों से उन्हें अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। यदि आप इस बार फुलेरा दूज का पर्व विधिपूर्वक मनाना चाहते हैं, तो पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक मान्यताओं का पालन अवश्य करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।