प्रयागराज कुंभ 2025, पंचकोसी परिक्रमा का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
- In मुख्य समाचार 25 Jan 2025 12:44 PM IST
प्रयागराज कुंभ 2025 एक ऐसा पवित्र अवसर है, जो लाखों श्रद्धालुओं को अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने और अध्यात्मिक ऊर्जा से भरने का अवसर प्रदान करता है। कुंभ स्नान के दौरान अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं, तो वहां की पंचकोसी परिक्रमा अवश्य करें। यह परिक्रमा न केवल आपकी धार्मिक आस्था को मजबूत करती है, बल्कि यह आपकी आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक मार्ग भी है।
क्या है पंचकोसी परिक्रमा?
पंचकोसी परिक्रमा का अर्थ है पांच कोस (लगभग 15 किलोमीटर) की पवित्र यात्रा, जो प्रयागराज के प्रमुख तीर्थ स्थलों और पवित्र स्थानों को जोड़ती है। यह परिक्रमा संगम क्षेत्र में स्थित सभी धार्मिक स्थलों की यात्रा कर श्रद्धालुओं को धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है। माना जाता है कि इस परिक्रमा के दौरान जो श्रद्धालु पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान का ध्यान करते हैं, उन्हें अशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
पंचकोसी परिक्रमा का पौराणिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पंचकोसी परिक्रमा करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। महर्षि वेदव्यास और अन्य ऋषियों ने भी पंचकोसी परिक्रमा को आत्मा की शुद्धि और ध्यान की सर्वश्रेष्ठ विधि बताया है। यह यात्रा त्रिवेणी संगम के पवित्र जल, हनुमान मंदिर, अक्षयवट, भारद्वाज आश्रम और अन्य तीर्थ स्थलों को जोड़ती है।
पंचकोसी परिक्रमा का मार्ग
* त्रिवेणी संगम: परिक्रमा की शुरुआत त्रिवेणी संगम से होती है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है।
* अक्षयवट: यह स्थान मोक्ष प्रदान करने वाला और पौराणिक कथाओं में अमरत्व का प्रतीक माना गया है।
* हनुमान मंदिर: यहां लेटे हुए हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है, जो विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।
* भारद्वाज आश्रम: महर्षि भारद्वाज द्वारा स्थापित यह स्थान कुंभ यात्रा के दौरान आध्यात्मिक शिक्षा का प्रतीक है।
* सरस्वती कूप: यह स्थान सरस्वती नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है और अत्यंत पवित्र माना गया है।
पंचकोसी परिक्रमा के लाभ
धार्मिक शुद्धि: पवित्र स्थलों की यात्रा व्यक्ति को उसके पापों से मुक्त करती है।
आध्यात्मिक उन्नति: परिक्रमा के दौरान मंत्रोच्चार और ध्यान व्यक्ति की आत्मा को शांति प्रदान करता है।
सकारात्मक ऊर्जा: पंचकोसी परिक्रमा व्यक्ति को सकारात्मकता और जीवन में नई प्रेरणा देती है।
पारिवारिक समृद्धि: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परिक्रमा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
पंचकोसी परिक्रमा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
स्नान का महत्व: परिक्रमा से पहले त्रिवेणी संगम में स्नान करना अनिवार्य है।
शुद्धता और संयम: इस यात्रा के दौरान विचारों और कार्यों की शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
भजन और कीर्तन: परिक्रमा के दौरान भजन, कीर्तन और मंत्रोच्चार करने से ऊर्जा का संचार होता है।
संगठित यात्रा: परिक्रमा को समूह में करना अधिक सुरक्षित और प्रेरणादायक होता है।
दान का महत्व: इस यात्रा के दौरान जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पंचकोसी परिक्रमा: कुंभ स्नान का पूरक
कुंभ स्नान के साथ पंचकोसी परिक्रमा को करने से व्यक्ति को दुगना लाभ मिलता है। जहां स्नान शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है, वहीं परिक्रमा आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाती है। यह यात्रा व्यक्ति के जीवन को धर्म, भक्ति और सकारात्मकता से भर देती है।
प्रयागराज कुंभ 2025 में पंचकोसी परिक्रमा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और जीवन में शांति लाने का एक अद्वितीय अवसर है। यदि आप कुंभ मेले में जा रहे हैं, तो इस परिक्रमा का हिस्सा जरूर बनें और अपने जीवन को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास करें।
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