रामनवमी 2025 अयोध्या में भव्य तैयारियां, सूर्य तिलक का दिव्य आयोजन और वैश्विक प्रसारण

रामनवमी 2025 अयोध्या में भव्य तैयारियां, सूर्य तिलक का दिव्य आयोजन और वैश्विक प्रसारण
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अयोध्या में इस वर्ष रामनवमी का उत्सव ऐतिहासिक होने जा रहा है। भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए यह अवसर बेहद खास रहेगा, क्योंकि पहली बार रामलला के सूर्य तिलक का दिव्य दृश्य सीधा प्रसारित किया जाएगा। इस आयोजन की भव्यता न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के राम भक्तों को इस पावन क्षण का साक्षी बनाएगी।

भव्य तैयारियों के साथ ऐतिहासिक उत्सव

2025 की रामनवमी का आयोजन खास इसलिए भी होगा क्योंकि इस बार अयोध्या में विशेष तैयारियां की गई हैं। 6 अप्रैल को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व के लिए मंदिर परिसर को अत्यंत भव्य रूप से सजाया जा रहा है। भगवान रामलला के जन्मोत्सव को यादगार बनाने के लिए पूरे अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है।

सुबह 9:20 बजे से रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू होगी, जो 10:30 बजे तक चलेगी। इस दौरान विशेष वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराए जाएंगे और उनका विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

भगवान रामलला का सूर्य तिलक – एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव

सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आएगा जब दोपहर 12:00 बजे भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक संपन्न किया जाएगा। यह तिलक सूर्य की विशेष किरणों से होगा, जो सीधे रामलला के विग्रह पर पड़ेगी। यह एक ऐसा दिव्य दृश्य होगा, जिसे पहली बार लाइव प्रसारण के माध्यम से घर बैठे भक्त देख सकेंगे।

इस आयोजन को स्थायी रूप से स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है, जिससे अगले 20 वर्षों तक हर रामनवमी पर यह दिव्य सूर्य तिलक संपन्न किया जा सके। वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से यह एक अभूतपूर्व पहल है, जो भगवान श्रीराम की दिव्यता को और अधिक प्रकट करेगी।

अयोध्या में भक्तों का महासंगम

रामनवमी के इस विशेष आयोजन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। मंदिर प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार ने भक्तों की सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराए गए हैं।

रामलला के दर्शन और इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए राम भक्तों में उत्साह चरम पर है। सूर्य तिलक का यह आयोजन निश्चित रूप से रामनवमी 2025 को ऐतिहासिक बना देगा और यह दिन हमेशा के लिए भक्तों की स्मृतियों में अमिट रहेगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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