रंग पंचमी 2025, आज 19 मार्च को शुभ योग और विशाखा नक्षत्र में मनेगा रंगों का महापर्व

होली के ठीक पांच दिन बाद मनाई जाने वाली रंग पंचमी का पर्व इस बार विशेष संयोग में पड़ रहा है। आज 19 मार्च 2025, बुधवार को चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के साथ कई शुभ योग और नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। यह दिन खासतौर पर उन लोगों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है जो रंगों के इस त्योहार को उल्लास के साथ मनाते हैं और साथ ही धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व समझते हैं।
शुभ मुहूर्त और ज्योतिषीय संयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि आज 19 मार्च को रात 12:38 बजे तक प्रभावी रहेगी। इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना देते हैं।
हर्षण योग: यह शुभ योग शाम 5:38 बजे तक रहेगा, जो किसी भी कार्य में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
विशाखा नक्षत्र: यह नक्षत्र रात 8:50 बजे तक प्रभावी रहेगा, जो आध्यात्मिक उन्नति और सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है।
रंग पंचमी का पर्व इन शुभ योगों में होने के कारण यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत फलदायी होगा।
रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी का पर्व विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन रंगों और उल्लास का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवताओं पर भी अबीर और गुलाल अर्पित किए जाते हैं, जिससे यह धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है।
मथुरा-वृंदावन में रंग पंचमी के दिन ही होली उत्सव का समापन माना जाता है। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और भगवान श्रीकृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है।
धार्मिक मान्यताएं और पूजन विधि
रंग पंचमी के दिन रंगों के प्रयोग को शुभ माना जाता है। इस दिन लोग देवताओं की पूजा कर अबीर-गुलाल अर्पित करते हैं और घर-आंगन में रंगों से उल्लास फैलाते हैं। यह पर्व न केवल आनंद का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा का भी वाहक है।
इस दिन किए जाने वाले कुछ प्रमुख कार्य:
✔ सुबह स्नान के बाद देवताओं को गुलाल अर्पित करें।
✔ विशेष रूप से श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा करें।
✔ बड़ों का आशीर्वाद लें और सभी के साथ प्रेमपूर्वक रंग खेलें।
✔ संगीत और नृत्य के माध्यम से हर्षोल्लास प्रकट करें।
रंग पंचमी 2025 का यह पर्व शुभ योग और विशाखा नक्षत्र के संयोग में अत्यधिक प्रभावशाली रहेगा। यह न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और देवताओं की कृपा प्राप्त करने का भी एक सुनहरा अवसर है। इस दिन रंगों के माध्यम से प्यार, सौहार्द और खुशियों को फैलाने का संदेश दिया जाता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।