रंगभरी एकादशी 2025, जानें तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व हिंदू धर्म में बताया गया है। यह एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
रंगभरी एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल रंगभरी एकादशी 10 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
एकादशी तिथि प्रारंभ: 9 मार्च 2025 को रात 09:57 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 10 मार्च 2025 को रात 08:35 बजे
व्रत पारण का समय: 11 मार्च 2025 को सुबह 06:30 बजे से 08:45 बजे तक
रंगभरी एकादशी व्रत और पूजन विधि
* स्नान और संकल्प: प्रातःकाल गंगा स्नान या घर में पवित्र स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
* भगवान विष्णु और शिव पूजन: तुलसी दल, फल-फूल, पंचामृत, दीपक और धूप से पूजा करें।
* रंगभरी परंपरा: काशी में इस दिन विशेष उत्सव होता है, जहां बाबा विश्वनाथ का गाजे-बाजे के साथ गुलाल और अबीर से श्रृंगार किया जाता है।
* एकादशी कथा श्रवण: इस दिन रंगभरी एकादशी व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
* रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन: इस दिन भगवान के नाम का कीर्तन और जागरण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
* पारण: द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद फलाहार या अन्न ग्रहण कर व्रत पूर्ण करें।
रंगभरी एकादशी का महत्व
इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का गौना हुआ था, इसलिए इसे खास शुभ माना जाता है।
यह होली से ठीक पहले आती है, जिससे यह प्रेम, आनंद और भक्ति का पर्व भी बन जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु और शिव की संयुक्त पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रंगभरी एकादशी से जुड़ी धार्मिक परंपराएं
काशी (वाराणसी) में इस दिन विशेष रूप से बाबा विश्वनाथ को गुलाल और अबीर से रंगकर होली मनाई जाती है। भक्तगण भजन-कीर्तन और शिव बारात के साथ पूरे शहर में उत्सव मनाते हैं। इसे बाबा विश्वनाथ की होली भी कहा जाता है।
रंगभरी एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी होता है और इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों पर ईश्वर की विशेष कृपा बनी रहती है। इस साल 10 मार्च 2025 को आने वाली रंगभरी एकादशी को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।