रुद्राक्ष का रहस्य, कितने प्रकार के होते हैं और कौन-सा रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए शुभ है?

रुद्राक्ष का रहस्य, कितने प्रकार के होते हैं और कौन-सा रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए शुभ है?
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हिंदू धर्म और वैदिक परंपरा में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। शिवपुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में रुद्राक्ष को शिव का आशीर्वाद बताया गया है, जो इसे धारण करने वाले व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। कहा जाता है कि रुद्राक्ष पहनने से न केवल स्वास्थ्य लाभ होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। विशेष रूप से, विभिन्न ग्रहों की शांति के लिए अलग-अलग मुख वाले रुद्राक्ष धारण करने की परंपरा है। आइए विस्तार से जानें कि रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते हैं और कौन-सा रुद्राक्ष किस ग्रह के लिए शुभ होता है।

रुद्राक्ष के प्रकार और उनका महत्व

रुद्राक्ष मुख्य रूप से 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं, लेकिन 1 से 14 मुखी रुद्राक्ष अधिक प्रचलित और प्रभावशाली माने जाते हैं। प्रत्येक रुद्राक्ष की अपनी अलग ऊर्जा और लाभ होते हैं।

1 मुखी रुद्राक्ष (सूर्य ग्रह)

प्रभाव: एकमुखी रुद्राक्ष को शिवस्वरूप माना जाता है। यह व्यक्ति को उच्च मानसिक शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

लाभ: मानसिक शांति, आत्मविश्वास और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ाता है।

किसे धारण करना चाहिए? जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, वे इसे पहन सकते हैं। यह नेत्र रोग, सिरदर्द और मानसिक अस्थिरता को दूर करने में सहायक है।

2 मुखी रुद्राक्ष (चंद्र ग्रह)

प्रभाव: यह शिव और पार्वती का स्वरूप है और रिश्तों में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

लाभ: वैवाहिक जीवन में शांति, मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता लाता है।

किसे धारण करना चाहिए? चंद्र ग्रह से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए उपयोगी होता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मानसिक तनाव, अवसाद और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं।

3 मुखी रुद्राक्ष (मंगल ग्रह)

प्रभाव: यह अग्नि तत्व से जुड़ा होता है और आत्मबल बढ़ाने में सहायक होता है।

लाभ: आत्मविश्वास बढ़ाता है, भय दूर करता है और ऊर्जावान बनाता है।

किसे धारण करना चाहिए? जिनका मंगल कमजोर होता है, वे इसे धारण कर सकते हैं। यह रक्त संबंधी रोगों को ठीक करने और क्रोध पर नियंत्रण पाने में मदद करता है।

4 मुखी रुद्राक्ष (बुध ग्रह)

प्रभाव: यह बुद्धि, तर्कशक्ति और ज्ञान को विकसित करता है।

लाभ: शिक्षा, संचार क्षमता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

किसे धारण करना चाहिए? विद्यार्थी, पत्रकार, लेखक और वक्ता इसे पहन सकते हैं। यह बुध ग्रह से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

5 मुखी रुद्राक्ष (बृहस्पति ग्रह)

प्रभाव: यह आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

लाभ: मन को शांत करता है, ज्ञानवर्धन करता है और उच्च आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर करता है।

किसे धारण करना चाहिए? यह सभी के लिए शुभ माना जाता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहते हैं।

6 मुखी रुद्राक्ष (शुक्र ग्रह)

प्रभाव: यह प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य को बढ़ाने में सहायक होता है।

लाभ: वैवाहिक सुख, वित्तीय स्थिरता और जीवन में आनंद बढ़ाता है।

किसे धारण करना चाहिए? शुक्र ग्रह से प्रभावित लोग इसे पहन सकते हैं। यह दांपत्य जीवन में मधुरता लाने और स्वास्थ्य लाभ देने में सहायक होता है।

7 मुखी रुद्राक्ष (शनि ग्रह)

प्रभाव: यह शनि दोष और दुर्भाग्य को दूर करता है।

लाभ: करियर में सफलता, आर्थिक लाभ और स्थिरता प्रदान करता है।

किसे धारण करना चाहिए? शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोग इसे धारण कर सकते हैं। यह बाधाओं और रोगों को दूर करने में सहायक है।

8 मुखी रुद्राक्ष (राहु ग्रह)

प्रभाव: यह व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाता है।

लाभ: आध्यात्मिक सुरक्षा, मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास बढ़ाता है।

किसे धारण करना चाहिए? जिनकी कुंडली में राहु दोष हो, वे इसे धारण कर सकते हैं। यह भ्रम, डर और तनाव को दूर करता है।

9 मुखी रुद्राक्ष (केतु ग्रह)

प्रभाव: यह नवदुर्गा का प्रतीक है और आध्यात्मिक जागृति प्रदान करता है।

लाभ: मन को स्थिर करता है, ध्यान और योग में सहायक होता है।

किसे धारण करना चाहिए? जिन्हें अचानक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वे इसे पहन सकते हैं। यह राहु-केतु दोषों को दूर करता है।

रुद्राक्ष धारण करने के नियम और सावधानियां

1. शुद्धता का पालन करें: रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे गंगाजल से शुद्ध करें।

2. सही मंत्र का जाप करें: हर रुद्राक्ष के लिए विशेष मंत्र होते हैं, जिन्हें धारण करने से पहले जपना चाहिए।

3. सोते समय और अपवित्र स्थानों पर न पहनें: इसे मंदिर में रखने की भी सलाह दी जाती है।

4. धागे का सही चयन करें: इसे लाल, सफेद या पीले धागे या सोने-चांदी की चेन में पहनना शुभ माना जाता है।

5. रोजाना पूजन करें: इसे नियमित रूप से जल और धूप-दीप दिखाकर पूजा करें।

रुद्राक्ष केवल एक धार्मिक आभूषण नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा शक्ति का स्रोत है, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करता है। सही ग्रह के अनुसार उचित रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यदि आप अपनी कुंडली में ग्रह दोषों से परेशान हैं या जीवन में सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो अपने ज्योतिषाचार्य से परामर्श करके उचित रुद्राक्ष धारण करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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