रुद्राक्ष धारण करने के नियम और लाभ, शिव कृपा पाने के लिए जरूर जानें ये बातें

रुद्राक्ष धारण करने के नियम और लाभ, शिव कृपा पाने के लिए जरूर जानें ये बातें
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सनातन धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। इसे भगवान शिव के अश्रुओं से उत्पन्न माना जाता है, इसलिए यह बेहद शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

लेकिन, रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। यदि इन नियमों का ध्यान न रखा जाए, तो इसके प्रभाव कमजोर हो सकते हैं। आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के नियम और इससे प्राप्त होने वाले लाभ।

🔹 रुद्राक्ष धारण करने के अद्भुत लाभ

1️⃣ मानसिक शांति और एकाग्रता:

रुद्राक्ष पहनने से मन स्थिर होता है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

2️⃣ शरीर और मन की शुद्धि:

रुद्राक्ष में चुंबकीय और आध्यात्मिक ऊर्जा होती है, जो शरीर को शुद्ध करती है और रोगों से बचाने में सहायक होती है।

3️⃣ सकारात्मक ऊर्जा का संचार:

इसे धारण करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियां प्रभावहीन हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

4️⃣ भगवान शिव की कृपा:

रुद्राक्ष धारण करने से शिव कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शांति, धन, समृद्धि और खुशहाली आती है।

5️⃣ स्वास्थ्य लाभ:

यह हृदय, रक्तचाप और तंत्रिका तंत्र के लिए लाभकारी होता है। नियमित रूप से रुद्राक्ष धारण करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

🔹 रुद्राक्ष धारण करने के नियम

✔️ रुद्राक्ष धारण करने से पहले शिव पूजा करें:

रुद्राक्ष पहनने से पहले इसे भगवान शिव के चरणों में रखकर गंगाजल से शुद्ध करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

✔️ रुद्राक्ष को कभी अपवित्र स्थान पर न रखें:

रुद्राक्ष को हमेशा स्वच्छ स्थान पर रखें। इसे जमीन पर न गिरने दें और न ही अपवित्र स्थान पर ले जाएं।

✔️ सोते समय और स्नान के समय इसे उतार दें:

रुद्राक्ष को स्नान, सोने और किसी अशुद्ध कार्य के समय नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह पवित्रता का प्रतीक होता है।

✔️ रुद्राक्ष को चमड़े या सोने-चांदी की चेन में पहनें:

रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में बांधकर, चांदी या सोने की चेन में धारण करना शुभ माना जाता है।

✔️ रुद्राक्ष पहनकर नशा और मांसाहार न करें:

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को शुद्ध आहार का पालन करना चाहिए और मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए।

✔️ रुद्राक्ष को दूसरों को न पहनाएं:

जो रुद्राक्ष आपने धारण किया है, उसे किसी अन्य व्यक्ति को न दें और न ही किसी अन्य का पहना हुआ रुद्राक्ष पहनें।

✔️ रुद्राक्ष को हर सोमवार गंगाजल से शुद्ध करें:

रुद्राक्ष को हर सोमवार को गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें और शिवलिंग पर अर्पित करने के बाद पुनः धारण करें।

✔️ मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें:

रुद्राक्ष की माला से "ॐ नमः शिवाय" और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।

🔹 किस राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष शुभ होता है?

1️⃣ मेष और वृश्चिक राशि: तीन मुखी रुद्राक्ष

2️⃣ वृषभ और तुला राशि: छह मुखी रुद्राक्ष

3️⃣ मिथुन और कन्या राशि: चार और पांच मुखी रुद्राक्ष

4️⃣ कर्क और सिंह राशि: सात और आठ मुखी रुद्राक्ष

5️⃣ धनु और मीन राशि: पांच और नौ मुखी रुद्राक्ष

6️⃣ मकर और कुंभ राशि: ग्यारह और चौदह मुखी रुद्राक्ष

रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ होते हैं। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करना आवश्यक होता है। यदि सभी नियमों का पालन किया जाए, तो यह व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और उन्नति लाने में सहायक होता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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