शबरी जयंती 2025, भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक, जानें महत्व और पूजन विधि

शबरी जयंती केवल एक पर्व नहीं, बल्कि सच्ची भक्ति, प्रेम और त्याग का प्रतीक है। माता शबरी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर की आराधना में बाहरी दिखावे का कोई स्थान नहीं है। भगवान श्रीराम के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा हमें यह सिखाती है कि परमात्मा केवल प्रेम और भक्ति के भूखे होते हैं, न कि भौतिक समर्पण के।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष शबरी जयंती 20 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां शबरी की भक्ति और समर्पण का स्मरण कर, हम अपने जीवन में भी आस्था, प्रेम और श्रद्धा को स्थान दे सकते हैं। आइए जानते हैं शबरी जयंती का महत्व, पूजन विधि और इस दिन विशेष रूप से किए जाने वाले उपाय।
🔹 शबरी जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
शबरी जयंती तिथि प्रारंभ: 20 फरवरी 2025, प्रातः 04:10 बजे
शबरी जयंती तिथि समाप्त: 21 फरवरी 2025, प्रातः 02:45 बजे
🕉 पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: प्रातः 06:30 से 08:15 तक
माता शबरी का जीवन और उनकी भक्ति
🔸 शबरी माता की कथा त्रेतायुग की है, जब वे गहन तपस्या और भक्ति में लीन थीं।
🔸 समाज की सभी बाधाओं को पार कर उन्होंने अपना जीवन भगवान श्रीराम की प्रतीक्षा में समर्पित कर दिया।
🔸 उनकी भक्ति का प्रमाण तब मिला, जब प्रभु श्रीराम स्वयं उनकी कुटिया में पधारे और उनके प्रेम से अर्पित जूठे बेर ग्रहण किए।
🔸 यह घटना दर्शाती है कि ईश्वर जाति, वर्ग या धन-दौलत से परे केवल सच्चे प्रेम और श्रद्धा को स्वीकार करते हैं।
शबरी जयंती पर पूजन विधि
🕉 इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
🕉 मंदिर में श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित कर पूजा करें।
🕉 भगवान श्रीराम और माता शबरी की कथा का पाठ करें।
🕉 "राम-राम" या "सीता-राम" नाम का जाप करें।
🕉 मंदिर में फल, विशेषकर बेर चढ़ाएं और गरीबों को भोजन कराएं।
🕉 **मां शबरी की तरह ईश्वर के प्रति समर्पण और निःस्वार्थ प्रेम का संकल्प लें।
इस दिन करने योग्य विशेष उपाय
✅ सकारात्मक ऊर्जा के लिए: घर में "श्रीरामचरितमानस" का पाठ करें।
✅ मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए: "श्रीराम जय राम जय जय राम" मंत्र का 108 बार जाप करें।
✅ धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करें।
✅ गृह क्लेश दूर करने के लिए: शबरी माता के जीवन से प्रेरणा लें और प्रेमपूर्वक सभी के साथ व्यवहार करें।
शबरी जयंती केवल भक्ति का पर्व नहीं, बल्कि यह हमें सिखाती है कि ईश्वर को प्राप्त करने के लिए धन, पद या बाहरी आडंबर की जरूरत नहीं होती। केवल सच्ची श्रद्धा, प्रेम और निःस्वार्थ समर्पण ही हमें प्रभु के करीब लाता है। इस 20 फरवरी 2025 को हम सभी माता शबरी की भक्ति से प्रेरणा लें और अपने जीवन में प्रेम, सेवा और ईश्वर के प्रति समर्पण को स्थान दें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।