शनि अस्त 2025 इन राशियों के जीवन में आएंगे बड़े बदलाव, 28 फरवरी से शुरू होगी नई शुरुआत
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साल 2025 में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होने जा रही है, जब शनि देव अस्त होंगे। यह घटना न केवल ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न राशियों पर भी गहरा प्रभाव डालेगी। 28 फरवरी 2025 से शनि के अस्त होने के साथ ही कुछ राशियों के लिए जीवन में बड़े और सकारात्मक परिवर्तन के संकेत मिल रहे हैं।
शनि अस्त का ज्योतिषीय महत्व
शनि देव को न्याय के देवता और कर्मफलदाता माना जाता है। जब शनि अस्त होते हैं, तो उनका प्रभाव कमजोर हो जाता है और उनकी कठोर दृष्टि का असर कुछ हद तक कम हो जाता है। इसका सीधा प्रभाव विभिन्न राशियों के जातकों के जीवन पर देखने को मिलता है। यह समय आत्मनिरीक्षण, पुराने कार्यों के पुनर्मूल्यांकन और नई योजनाओं के निर्माण के लिए उत्तम माना जाता है।
28 फरवरी 2025 से इन राशियों के लिए होंगे सकारात्मक बदलाव
शनि के अस्त होते ही कुछ राशियों के जातकों को राहत की सांस मिलेगी। विशेष रूप से तुला, मकर और कुम्भ राशि के लोगों के लिए यह समय शुभ संकेत लेकर आ रहा है। इनके जीवन में आर्थिक स्थिरता, करियर में प्रगति और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार की संभावनाएं प्रबल होंगी।
1. तुला राशि: पेशेवर जीवन में नए अवसर मिल सकते हैं। व्यापारियों के लिए लाभकारी सौदे संभव हैं।
2. मकर राशि: कार्यक्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। अधूरे काम पूरे होंगे।
3. कुम्भ राशि: स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक शांति का अनुभव होगा। परिवार में खुशहाली का माहौल बनेगा।
किन राशियों को रखनी होगी सतर्कता
हालांकि शनि के अस्त होने का प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक नहीं होता। वृश्चिक, सिंह और मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। इन्हें अपने वित्तीय निर्णयों में सावधानी रखनी चाहिए और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
उपाय और सुझाव
* शनि के अस्त होने के दौरान शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं:
* शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और तेल का दीपक जलाएं।
* जरूरतमंदों को काले तिल, उड़द और लोहे का दान करें।
* शनि मंत्र का जाप करें: "ॐ शं शनैश्चराय नमः"।
* संयमित जीवनशैली अपनाएं और अनुशासन का पालन करें।
शनि का अस्त होना एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जो जीवन में नई संभावनाओं और चुनौतियों का द्वार खोलती है। यह समय आत्मविश्लेषण और भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का है। सही उपाय और सतर्कता के साथ इस अवधि का सकारात्मक लाभ उठाया जा सकता है।
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