29 मार्च से शनि का बड़ा गोचर, इन 3 राशियों पर 7.5 साल तक रहेगा प्रभाव, बचने के उपाय जानें

29 मार्च से शनि का बड़ा गोचर, इन 3 राशियों पर 7.5 साल तक रहेगा प्रभाव, बचने के उपाय जानें
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शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा जाता है और इनका गोचर हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। 29 मार्च 2025 को शनि का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है, जिसे ज्योतिष में एक बड़ी खगोलीय घटना माना जाता है। इस गोचर का प्रभाव दुनिया, समाज, प्रकृति, जीव-जंतु और सभी 12 राशियों पर पड़ेगा।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस परिवर्तन के कारण तीन राशियों पर शनि की साढ़े साती (7.5 साल का कठिन समय) शुरू हो जाएगी। इस दौरान इन राशियों के जातकों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी, क्योंकि शनि की टेढ़ी दृष्टि से आर्थिक, स्वास्थ्य, करियर और पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

आइए जानते हैं किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो रही है, इसका प्रभाव क्या होगा और इससे बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाने चाहिए।

शनि का यह गोचर क्यों है खास?

शनि ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करते हैं, तो उनका असर लंबे समय तक बना रहता है। यह ग्रह एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं और जब वे एक राशि से दूसरी में प्रवेश करते हैं, तो साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव शुरू होता है।

इस बार शनि का गोचर मीन राशि में हो रहा है, जिससे तीन राशियों पर साढ़े साती का प्रभाव शुरू होगा।

इन 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी

1. मीन राशि (Pisces)

मीन राशि के जातकों के लिए यह शनि की साढ़े साती का पहला चरण होगा। इस दौरान आपको जीवन में कई संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक तंगी, करियर में रुकावटें और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां इस दौरान हो सकती हैं।

प्रभाव:

मानसिक तनाव और थकान बढ़ सकती है।

करियर और व्यापार में देरी और बाधाएं आ सकती हैं।

स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उभर सकती हैं।

पारिवारिक जीवन में मतभेद हो सकते हैं।

बचाव के उपाय:

हर शनिवार शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

काले तिल और लोहे की वस्तु का दान करें।

शनि बीज मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।

2. कुंभ राशि (Aquarius)

कुंभ राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। यह चरण सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि इस दौरान शनि अपनी पूरी शक्ति से प्रभाव डालते हैं।

प्रभाव:

नौकरी और व्यवसाय में बाधाएं आ सकती हैं।

अनावश्यक खर्चे बढ़ सकते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।

पारिवारिक कलह और संबंधों में तनाव हो सकता है।

कुछ जातकों को विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं, लेकिन कठिन परिश्रम करना होगा।

बचाव के उपाय:

भगवान हनुमान जी की पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें।

शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

शनि यंत्र धारण करें और जरूरतमंदों को काले कपड़े दान करें।

3. मकर राशि (Capricorn)

मकर राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का अंतिम चरण होगा। हालांकि यह चरण थोड़ा राहत देने वाला होता है, लेकिन कुछ मामलों में पुराने मामलों का निपटारा इस दौरान होता है।

प्रभाव:

अतीत में किए गए गलत फैसलों का असर अब दिख सकता है।

स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।

करियर में धीमी गति से प्रगति हो सकती है।

परिवार में खुशियों की वापसी हो सकती है, लेकिन धैर्य रखना होगा।

बचाव के उपाय:

शनिवार के दिन किसी गरीब को जूते या चप्पल दान करें।

नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

गाय को हरा चारा खिलाएं और जरूरतमंदों की मदद करें।

शनि की साढ़ेसाती में क्या करें और क्या न करें?

✅ क्या करें?

* हर शनिवार को शनिदेव की पूजा करें और शनि चालीसा का पाठ करें।

* गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें, इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होगी।

* अपने कर्मों को शुद्ध रखें, गलत कामों से बचें।

* भगवान हनुमान जी की पूजा करें और हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

❌ क्या न करें?

* किसी गरीब, अपंग या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान न करें।

* मांस-मदिरा और नशे से दूर रहें, वरना शनि का प्रभाव और अधिक कष्टदायक हो सकता है।

* बेवजह गुस्सा न करें और दूसरों को अपमानित न करें।

* शनिवार को लोहे, तेल और काले रंग की वस्तुएं न खरीदें।

29 मार्च 2025 को शनि का गोचर तीन राशियों (मीन, कुंभ और मकर) के लिए साढ़ेसाती की शुरुआत करेगा। इस दौरान इन राशियों के जातकों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यदि सही उपाय किए जाएं और शनिदेव की कृपा प्राप्त की जाए, तो यह समय भी सफलता दिला सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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