शनि साढ़ेसाती और ढैय्या 2025, किन राशियों पर रहेगी शनि की कड़ी दृष्टि, जानें बचाव के उपाय

शनि साढ़ेसाती और ढैय्या 2025, किन राशियों पर रहेगी शनि की कड़ी दृष्टि, जानें बचाव के उपाय
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वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्म, न्याय और अनुशासन का कारक माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को जीवन में कठिन परीक्षाओं और चुनौतियों का समय कहा जाता है। जब शनि जन्म राशि से बारहवें, पहले और दूसरे भाव में गोचर करता है, तो इसे साढ़ेसाती कहा जाता है, जो कुल साढ़े सात वर्षों तक चलता है। वहीं, ढैय्या ढाई साल की अवधि होती है, जब शनि चौथे या आठवें भाव में गोचर करता है। आइए जानते हैं साल 2025 में किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा।

शनि साढ़ेसाती 2025 में किन राशियों पर रहेगी:

1. मकर राशि: शनि का गोचर मकर राशि में अंतिम चरण की साढ़ेसाती का संकेत देगा। इस चरण में आर्थिक चुनौतियों और पारिवारिक तनाव से गुजरना पड़ सकता है।

2. कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा। करियर में बदलाव और स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता आवश्यक होगी।

3. मीन राशि: मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रारंभिक चरण आरंभ होगा। नए कार्यों में देरी और मानसिक दबाव महसूस हो सकता है।

शनि ढैय्या 2025 में किन राशियों पर रहेगी:

* कर्क राशि: कर्क राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा, जिससे कार्यक्षेत्र में रुकावटें और पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

* वृश्चिक राशि: शनि की ढैय्या वृश्चिक राशि पर प्रभाव डालेगी, जिससे मानसिक अशांति और वित्तीय समस्याएं सामने आ सकती हैं।

साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव:

. मानसिक तनाव और अनावश्यक चिंता

. आर्थिक अस्थिरता और करियर में रुकावटें

. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां

. संबंधों में खटास और पारिवारिक विवाद

बचाव के उपाय:

1. शनि मंत्र का जाप: प्रतिदिन "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

2. हनुमान जी की उपासना: मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

3. शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं: शनिवार को शनि मंदिर जाकर तिल का तेल चढ़ाना लाभकारी होता है।

4. दान-पुण्य करें: काले तिल, कंबल, लोहे की वस्तुएं और काले चने का दान करें।

5. सात्विक जीवनशैली अपनाएं: क्रोध, आलस्य और नकारात्मकता से बचें।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जीवन में चुनौतियों का समय जरूर लाती है, लेकिन यह आत्मनिरीक्षण और सुधार का भी अवसर प्रदान करती है। यदि सही उपाय और धैर्य के साथ इस अवधि को जिया जाए, तो शनि की कृपा से सफलता और स्थायित्व भी प्राप्त किया जा सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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