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षटतिला एकादशी 2025, भगवान विष्णु की आराधना और पुण्य लाभ का विशेष अवसर

षटतिला एकादशी 2025, भगवान विष्णु की आराधना और पुण्य लाभ का विशेष अवसर

षटतिला एकादशी का पर्व हिंदू...PS

षटतिला एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। यह पवित्र दिन भगवान विष्णु की उपासना और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो एकादशियां आती हैं—एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में। 2025 में माघ मास की षटतिला एकादशी का पावन पर्व 25 जनवरी को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से व्रत, पूजा और दान के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी का नामकरण "तिल" से जुड़ा है। इस दिन तिल का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है—स्नान, भोजन, दान, और पूजा सामग्री के रूप में। यह दिन आत्मशुद्धि और धार्मिक कृत्यों के माध्यम से भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं, और वह सुख-समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर होता है।

षटतिला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

षटतिला एकादशी तिथि का प्रारंभ: 24 जनवरी 2025 को रात 9:30 बजे

षटतिला एकादशी तिथि का समापन: 25 जनवरी 2025 को रात 11:00 बजे

व्रत पारण का समय (तिथि समाप्ति के बाद): 26 जनवरी को प्रातः 7:30 से 9:30 बजे तक

पूजा विधि और उपाय

1.स्नान और संकल्प:

इस दिन प्रातःकाल स्नान के जल में तिल मिलाकर स्नान करें। स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।

2.विधिपूर्वक पूजा:

भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीप जलाएं।

तुलसी के पत्तों के साथ चंदन, पुष्प और तिल अर्पित करें।

विष्णु सहस्रनाम या "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।

3.तुलसी माता की आरती:

भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता की आरती करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कष्टों का निवारण होता है।

4.तिल का उपयोग:

तिल का दान करें।

तिल से बनी मिठाई का सेवन करें और दूसरों को प्रसाद रूप में वितरित करें।

तिल के तेल का दीपक जलाएं।

षटतिला एकादशी का धार्मिक फल

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, षटतिला एकादशी पर व्रत और दान करने से मनुष्य के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। यह दिन आत्मा को शुद्ध करने और पवित्रता की ओर अग्रसर होने का अवसर प्रदान करता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है और विधिपूर्वक पूजा करता है, वह विष्णु लोक को प्राप्त करता है।

दान का महत्व

षटतिला एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और तिल दान करना अत्यधिक पुण्यकारी होता है। तिल का दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है, और व्यक्ति को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुति पर आधारित है | पब्लिक खबर इसमें दी गयी जानकारी और तथ्यों की सत्यता और संपूर्णता की पुष्टि नहीं करता है |

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