सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025, गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का खास ध्यान, जानें ज्योतिषीय सावधानियां

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बरतनी चाहिए ये सावधानियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष 29 मार्च 2025 को चैत्र अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण का प्रभाव हर किसी पर पड़ता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से संवेदनशील समय माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि गर्भस्थ शिशु पर किसी नकारात्मक ऊर्जा या प्रभाव का असर न पड़े। आइए विस्तार से जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किन सावधानियों को अपनाना चाहिए।
सूर्य ग्रहण और गर्भावस्था: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण
भारतीय ज्योतिष में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए। मान्यता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है, जो शिशु के विकास में बाधा डाल सकती है। हालांकि, आधुनिक विज्ञान इस धारणा से पूरी तरह सहमत नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर कुछ सावधानियों को अपनाने की सलाह जरूर दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?
ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें: मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा की हानिकारक किरणें गर्भस्थ शिशु को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इस समय घर के भीतर रहना ही सुरक्षित होता है।
तेज धार वाली चीजों से बचें: इस अवधि में चाकू, कैंची या किसी भी नुकीली वस्तु का उपयोग करने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह शिशु के शारीरिक दोष का कारण बन सकता है।
सोने से बचें: ग्रहण के दौरान सोना वर्जित माना जाता है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए। कहा जाता है कि इस समय अधिक निष्क्रिय रहने से नकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर सकती है।
मंत्र जाप करें: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में 'महा मृत्युंजय मंत्र' और 'गायत्री मंत्र' का जाप करना लाभकारी होता है। इससे नकारात्मक प्रभाव कम होता है और मानसिक शांति बनी रहती है।
खाने-पीने से परहेज करें: ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। अगर आवश्यक हो तो तुलसी के पत्ते डालकर पानी को शुद्ध करके पिया जा सकता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें: ग्रहण के बाद स्नान करना और साफ वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?
आधुनिक विज्ञान ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए किसी भी खास खतरे की पुष्टि नहीं करता, लेकिन सतर्कता हमेशा अच्छी होती है। अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों और त्वचा के लिए हानिकारक हो सकती हैं, इसलिए बाहर जाने से बचना एक व्यावहारिक सलाह मानी जाती है।
सूर्य ग्रहण को लेकर कई धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं प्रचलित हैं। हालांकि, आधुनिक विज्ञान की दृष्टि में यह कोई बड़ी समस्या नहीं है, फिर भी सतर्कता बरतना बेहतर होता है। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कुछ विशेष उपाय और सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि वे और उनका शिशु सुरक्षित रहें। ग्रहण के बाद स्नान कर दान-पुण्य करना भी शुभ माना जाता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।