उज्जैन में शुक्रवार को बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार, दिव्य रूप के दर्शन को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित बाबा महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को एक विशेष आध्यात्मिक दृश्य देखने को मिला, जब बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार किया गया। यह अद्वितीय श्रृंगार इतना भव्य और आकर्षक था कि इसे देखने के लिए हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। बाबा के दिव्य स्वरूप ने हर भक्त के मन को भक्तिभाव से भर दिया और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण कर दिया।
बाबा महाकाल के दिव्य श्रृंगार की झलक:
इस पावन अवसर पर बाबा महाकाल को विशेष प्रकार के फूलों, आभूषणों और भस्म से सजाया गया। बाबा के मुकुट से लेकर उनके आभामंडल तक हर चीज में एक दिव्य चमक झलक रही थी। चंदन के लेप और भस्म के त्रिपुंड ने उनके स्वरूप को और भी आकर्षक बना दिया था।
श्रृंगार की विशेषताएं:
1. फूलों की अलौकिक सजावट: बाबा को गुलाब, मोगरा, गेंदा और कमल के ताजे फूलों से सजाया गया था, जिनकी खुशबू से पूरा मंदिर परिसर महक उठा।
2. आभूषणों की चमक: सोने-चांदी के अलंकारों और रत्नजड़ित गहनों ने बाबा के स्वरूप को और भी भव्य बना दिया।
3. चंदन और भस्म का अनुपम संयोजन: बाबा के मुख पर विशेष चंदन का लेप और त्रिपुंड के रूप में भस्म का अद्भुत संयोजन किया गया, जो उनकी दिव्यता को दर्शाता था।
4. भस्म आरती की भव्यता: प्रातःकालीन भस्म आरती के दौरान बाबा का स्वरूप अत्यंत अलौकिक और मनोहारी दिख रहा था।
श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था:
बाबा महाकाल के इस विशेष श्रृंगार के दर्शन के लिए उज्जैन ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे थे। भक्तों की भीड़ सुबह से ही मंदिर के द्वारों पर उमड़ पड़ी थी। "महाकाल की जय" के गगनभेदी जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। भक्तों ने भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित कर और आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य माना।
मंदिर परिसर में आध्यात्मिक माहौल:
पूरे मंदिर परिसर में भक्ति और श्रद्धा का एक अलौकिक माहौल देखने को मिला। मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और ढोल-नगाड़ों की गूंज ने भक्तों के दिलों में एक अनोखी ऊर्जा भर दी। श्रद्धालु बाबा के भजनों और कीर्तन में लीन होकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर रहे थे।
बाबा महाकाल का यह अद्वितीय श्रृंगार न केवल भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव था, बल्कि यह दर्शाता है कि सच्ची आस्था और भक्ति से भगवान के दिव्य स्वरूप को और भी अधिक अलौकिक बनाया जा सकता है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हुए इस भव्य आयोजन ने श्रद्धालुओं के मन-मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ दी।
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