वरूथिनी एकादशी 2025, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व

वरूथिनी एकादशी 2025, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व
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वैशाख माह में वरूथिनी एकादशी का विशेष महत्व होता है। इस पावन तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। इस वर्ष वरूथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा। मान्यता है कि जो भक्त इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक व्रत करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

वरूथिनी एकादशी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है, लेकिन वरूथिनी एकादशी को विशेष फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है, जीवन में सकारात्मकता आती है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल सांसारिक सुखों को प्रदान करता है, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का भी मार्ग प्रशस्त करता है।

वरूथिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि

1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।

2. मंदिर की सफाई और पूजा: घर में या मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं और फूल, अक्षत, चंदन अर्पित करें।

3. भगवान विष्णु की आराधना: तुलसी पत्र और पीले फूल अर्पित करें तथा विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

4. व्रत का पालन: दिनभर निराहार या फलाहार रहकर भक्ति भाव से पूजा करें।

5. दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें, जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

6. रात्रि जागरण और कथा श्रवण: रात को जागरण कर भगवान विष्णु की कथा सुनना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

7. पारण: अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें और भगवान का आशीर्वाद लें।

वरूथिनी एकादशी व्रत के लाभ

. सभी प्रकार के कष्टों और दुखों का निवारण होता है।

. आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और धन की प्राप्ति होती है।

. पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का अवसर मिलता है।

. घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

वरूथिनी एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि जीवन में सौभाग्य और खुशहाली भी लाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए, तो यह व्रत हर मनोकामना को पूर्ण कर सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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