श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की भूमि पर कब्रिस्तान बताने पर सन्त समिति का जवाब, "गौमूत्र से शुद्ध होगी भूमि"
- In मुख्य समाचार 19 Feb 2020 12:02 PM IST
अयोध्या के रहने वाले 9 मुसलमानों द्वारा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को पत्र लिखे जाने से मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। मुसलमानों द्वारा ट्रस्ट को आवंटित भूमि पर कब्रिस्तान होने का दावा किए जाने पर राष्ट्रीय संत समिति ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद ने कहा, "अयोध्या के कुछ मुसलमानों ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को पत्र लिखकर यह कहा कि उस 67 एकड़ भूमि में कुछ भूमि कब्र की भी है, लिहाजा वहां पर शास्त्रों की पवित्रता की दृष्टि से मंदिर का निर्माण ठीक नहीं रहेगा। उन सभी मुसलमानों भाइयों से मैं ये कहना चाहुंगा कि आपने हमें हमारी शास्त्र की याद दिलाकर के बहुत बहुत अच्छा काम किया इसके लिए आपको बहुत धन्यवाद।"
उन्होंने कहा, " आपको यह पता होना चाहिए कि भगवान रामलला के इष्ट भगवान शिव हैं जो सदैव श्मसान निवासी हैं। भूमि शुद्धिकरण के हमारे यहां विभिन्न तरह के प्रयोग हैं, उसमें गो-मूत्र डालकर के भी भूमि शुद्ध हो जाता है। वो तो हम कर लेंगे। 491 वर्षों में कई संघर्ष हुए जिससे वहां कई लोगों की हड्डियां, कई लोगों की मृत्यु हिन्दु-मुसलमानों के संघर्षों के कारण किसकी लाशें गिरीं ये कहना मुश्किल है।
उन्होंने आगे कहा, "आपने हमें याद दिलाया तो हम आपको ये जरुर कहना चाहेंगे कि पवित्र कुरान और हदीस के आइने में किसी भी विवादित स्थल पर मस्जिद बनाना और मंदिर को तोड़ करके मस्जिद बनाना, बगैर वक्फ के जबरन बलात कब्जा की हुई जमीन पर मस्जिद बनाई हुई, इसमें नमाज और इबादत खुदा को कुबुल नहीं होती है, ये भी आपके हदीस का ही अंग है। लिहाजा इसका पालन करते हुए आप मथुरा काशी समेत उन 3000 मंदिर जहां पर आपने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बनाया हुआ है, वो सभी स्थान आपको खाली करना चाहिए।"
स्वामी जीतेन्द्रानंद ने कहा कि शास्त्रों की याद दिलाने की शुरुआत उन्होंने की है, हम भी आपको हदीस और कुरान की याद दिलाकर इन सवालों को पूछ रहे हैं और संत समिति का कहना है कि विषय आपने आगे बढ़ाया है तो आगे भी ऐसे प्रश्नों का सामना करने को तैयार रहें।