दिमाग छोड़कर स्टीफन के शरीर का कोई भी अंग नहीं करता था काम, ये थी वजह
- In रीडर्स ब्लॉग 14 March 2018 11:35 AM IST
ब्लैक होल्स पर असाधारण रिसर्च...Editor
ब्लैक होल्स पर असाधारण रिसर्च करके उसकी थ्योरी मोड़ देने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है. आधुनिक विज्ञान की दुनिया में अपने ज्ञान और शोध के कारण वह दुनिया में एक अलग पहचान रखते थे.
जानते हैं उनके जीवन के बारे में कुछ बातें:
- वे अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद आज विश्व के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे. उन्हें एमयोट्रॉफिक लैटरल सेलेरोसिस (amyotrophic lateral sclerosis) नाम की बीमारी थी. इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है. स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था.
- स्टीफन हॉकिंग ने एक बताया कि उनकी बीमारी ने उन्हें वैज्ञानिक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा की थी. बीमारी से पहले वे अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे लेकिन बीमारी के दौरान उन्हें लगने लगा कि वे अब जिंदा नहीं रहेंगे जिसके बाद उन्होंने अपना सारा ध्यान रिसर्च पर लगा दिया. हॉकिंग ने ब्लैक हॉल्स पर रिसर्च किया है.
- 1974 में ब्लैक हॉल्स पर असाधारण रिसर्च करके उसकी थ्योरी मोड़ देने के कारण वे साइंस की दुनिया के सेलेब्रेटी बन गए थे. हॉकिंग ने अपने रिसर्च के माध्यम से यह कहा था कि ईश्वर ने यह दुनिया नहीं रची है बल्कि यह तो भौतिक विज्ञान के नियमों का नतीजा है. अपनी किताब 'ग्रांड डिजाइन' में कहा था कि गुरुत्वाकर्षण जैसे कई नियम हैं और ब्राह्मांड कुछ नहीं से भी खुद को बना सकता है. ब्रह्मांड एक स्फूर्त सृजन का नतीजा है.
- स्टीफन हॉकिंग ने अनुमान लगाया था कि ग्लोबल वार्मिंग और नए वायरसों के कारण संपूर्ण मानवता नष्ट हो सकती है.
- बता दें, ब्रिटेन के स्टीफन हॉकिंग की पीएचडी थीसिस को लाखों बार देखा गया है.