ठंड के दिनों में इन लोगों को बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, ऐसे करें बचाव
- In 18+ 16 Dec 2023 5:03 PM IST
ठंड के दिनों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो:
ब्लड प्रेशर की दवा लेते हैं
उनका कोलेस्ट्रॉल हाई रहता है
जिन्हें पहले ब्रेन स्ट्रोक आ चुका है और एस्प्रिन दवा ले रहे हैं
जिनकी उम्र ज्यादा है
जिन्हें हार्ट की बीमारी है
ब्रेन स्ट्रोक के बाद हर 1 मिनट में 19 लाख न्यूरॉन्स नष्ट होते हैं। इसलिए, समय रहते स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान कर मरीज को अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी है।
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। यह इस्केमिक स्ट्रोक या हेमरेजिक स्ट्रोक हो सकता है। इस्केमिक स्ट्रोक में रक्त वाहिका में थक्के जमने से रक्त का प्रवाह रुक जाता है। हेमरेजिक स्ट्रोक में रक्त वाहिका फटने से मस्तिष्क में रक्तस्राव होता है।
ठंड के दिनों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ने के कई कारण हैं। इनमें शामिल हैं:
ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
ठंड के कारण शरीर में एड्रेनालाईन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।
ठंड के कारण लोग अधिक समय तक घर में रहते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है।
ठंड के दिनों में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
ब्लड प्रेशर और हाई डायबिटीज के मरीजों को अपने डॉक्टर से सलाह लेकर दवाओं की डोज एडजस्ट करनी चाहिए।
सुबह के समय अचानक उठकर बाहर न जाएं। थोड़ी देर तक शरीर को गर्म होने दें।
गुनगुना पानी पिएं और गुनगुने पानी से नहाएं।
बहुत सुबह मॉर्निंग वॉक पर न जाएं। हल्की धूप निकलने पर जाएं।
बुजुर्ग गर्म कपड़े ज्यादा देर के लिए न उतारें।
दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।
हवा से बचने के इंतजाम रखें।
ब्लड प्रेशर, शुगर, एस्प्रिन आदि चलने वाली दवाइयों को एक दिन भी न छोड़ें।
यदि आपको या आपके आसपास किसी को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अस्पताल ले जाएं। ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:
अचानक चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी या सुन्नता
बोलने में कठिनाई
देखने में कठिनाई
सिरदर्द
उल्टी या मतली
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय रहते इलाज मिलने पर ब्रेन स्ट्रोक के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।