प्रशासनिक दक्षता एवं प्रबंधन की मिसाल बनेगा महाकुम्भ 2025

प्रशासनिक दक्षता एवं प्रबंधन की मिसाल बनेगा महाकुम्भ 2025
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प्रयागराज: 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा महाकुम्भ मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक महासंगम है, जो 50 दिन तक जारी रहेगा। इस दौरान, त्रिवेणी संगम में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए पहुंचेंगे। इस महापर्व का आयोजन केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि इसके विशाल प्रबंधन के कारण भी यह एक अद्वितीय अनुभव साबित होने वाला है। मेला प्रशासन को 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को समायोजित करने, सुरक्षा प्रदान करने और सुविधाएं उपलब्ध कराने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जो इस पूरे आयोजन को एक प्रबंधन पाठशाला जैसा बना देगा।



महाकुम्भ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि इसका प्रबंधन एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस साल, प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। एक प्रमुख सुधार यमुना नदी पर तैरते हुए डिवाइडर का निर्माण है, जो नावों के ट्रैफिक जाम से बचने के लिए प्रभावी रूप से कार्य करेगा। इन डिवाइडरों को विशेष रूप से इस उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है, ताकि इनकी लचीलापन के कारण भीड़ बढ़ने पर यह फैल सकें और नावों को व्यवस्थित तरीके से मार्गदर्शन किया जा सके।

महाकुम्भ मेले में होने वाली भारी भीड़ का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। इस बार प्रशासन ने 'क्रोध प्रबंधन' पर भी विशेष ध्यान दिया है। खासकर नाविकों को इस प्रशिक्षण में शामिल किया गया है, ताकि वे श्रद्धालुओं के साथ बिना किसी तनाव के संवाद कर सकें। इस उद्देश्य से 8,000 से अधिक नाविकों को संजीवनी और संकट प्रबंधन की शिक्षा दी गई है। इसके अलावा, सभी नावों में सुरक्षा के उपायों के तहत प्रत्येक यात्री को सुरक्षा जैकेट पहनने के लिए कहा गया है। मेला प्रशासन ने नाविकों को प्रयागराज का ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए प्रेरित किया है, ताकि आने वाले वर्षों में श्रद्धालु उनकी सेवा को याद रखें।




कुम्भ मेले के सुरक्षा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है – 'जीरो फायर कॉल' मिशन। कुम्भ क्षेत्र में श्रद्धालु टेंट और पुआल से बने शिविरों में रहते हैं, इसलिए आग की घटना से निपटने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। इस साल कुल 50 फायर ब्रिगेड वाहन और 120 से अधिक फायर ब्रिगेड कर्मी तैनात किए जाएंगे। ये सभी कर्मी कोड वर्ड में बात करेंगे, ताकि भीड़ में कोई डर या अफवाह न फैले। उदाहरण के लिए, आग की स्थिति में 'आग' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

महाकुम्भ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि यह प्रबंधन की दक्षता और सुरक्षा का भी एक बेहतरीन उदाहरण बनेगा। यह मेला हर मैनेजर के लिए एक मूल्यवान अनुभव साबित होगा, जिसे वे अपनी कार्यक्षमता और प्रबंधन कौशल को समझने के लिए देख सकते हैं।
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