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BBC की राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कवरेज पर ब्रिटिश सांसद ने उठाए सवाल, बताया पक्षपातपूर्ण
- In Latest News 3 Feb 2024 8:19 PM IST
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने...Anurag Tiwari
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में राम मंदिर कवरेज को लेकर बीबीसी की आलोचना की है। कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर बीबीसी की रिपोर्टिंग की निंदा की और बीबीसी की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। ब्रिटिश सांसद ने कहा, "पिछले हफ्ते भारत के उत्तर प्रदेश में अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था। इससे दुनिया भर के हिंदुओं में काफी खुशी हुई।
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमन ने कहा, "दुर्भाग्य से, बीबीसी ने बताया कि यह एक मस्जिद के विध्वंस का स्थल था, यह भूलते हुए कि यह उससे 2,000 साल से अधिक समय पहले एक मंदिर था और मुसलमानों को शहर से सटे पांच एकड़ का स्थल आवंटित किया गया था, जिस पर मस्जिद बनाई जा सके।"
उन्होंने संसद से आग्रह किया कि सरकारी समय में बीबीसी की निष्पक्षता और पूरी दुनिया में जो हो रहा है उसकी सटीक रिपोर्टिंग करने में उनकी विफलता पर बहस की अनुमति दी जाए।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर ब्लैकमन ने लिखा कि उनके मतदाताओं ने राम मंदिर पर "बीबीसी की पक्षपाती रिपोर्टिंग" पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि "हिंदुओं के अधिकारों के समर्थक के रूप में, इस लेख ने काफी अशांति पैदा की है।"
ब्लैकमैन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए, हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता पेनी मोर्डौंट ने स्वीकार किया कि कुछ चिंताएं जायज हैं। उन्होंने बीबीसी की प्रथाओं की हालिया समीक्षा का भी उल्लेख किया।
सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि दुनिया भर में क्या चल रहा है, इस पर बीबीसी की कवरेज कितनी निष्पक्ष है इसका रिकॉर्ड लाया जाना चाहिए और इस पर बहस होनी चाहिए। ‘हॉउस ऑफ कॉमन्स’ की नेता पोनी पैनी मॉर्डौंट ने कहा कि BBC की समीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए हैं। BBC को अपनी इस रिपोर्ट को लेकर सफाई भी प्रकाशित करनी पड़ी थी। इसमें उसने कहा था कि कुछ पाठकों को ने महसूस किया कि ये लेख पक्षपाती है और इसमें भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
BBC ने सफाई में आगे कहा कि जो कुछ हुआ उसका सटीक और निष्पक्ष विवरण बताया जाना चाहिए। ब्रिटिश मीडिया संस्थान इनसाइट यूके ने बीबीसी के पक्षपातपूर्ण कवरेज की निंदा करते हुए एक खुला पत्र लिखा। पत्र में राम मंदिर की खोज और भूमि आवंटन के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में एक मुस्लिम आर्कियोलॉजिस्ट द्वारा पेश किए गए तथ्यों और फैसला सुनाने में शामिल एक मुस्लिम जज की भूमिका को जानबूझकर नजरंदाज करने जैसी गलतियों का हवाला दिया गया। बीबीसी ने इससे असहमति जताई कि ये लेख हिन्दुओं का अपमान कर रहा है।
हालांकि, BBC ने दिसंबर 1992 के बाबरी विध्वंस का तो जिक्र किया, लेकिन मीर बाक़ी द्वारा राम मंदिर को सन् 1527 में ध्वस्त किए जाने की घटना का जिक्र नहीं किया। बीबीसी पर आरोप है कि उसने लेस्टर और बर्मिंघम में हुई हिन्दू विरोधी हिंसा में भी इस्लामी भीड़ का पक्ष लेकर हिन्दुओं को बदनाम करने वाली रिपोर्टिंग की थी।