पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में युवा शेफ बना रहे मोटे अनाज के लजीज व्यंजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मोटे अनाज की बढ़ती लोकप्रियता देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में मोटे अनाज के महत्व और उनके प्रयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। इसके बाद से यहां के युवा शेफ एक प्रतियोगिता में भाग लेकर मोटे अनाज से विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजन बना रहे हैं।
वाराणसी में आयोजित एक प्रतियोगिता में युवा शेफ को मोटे अनाज से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने का चैलेंज दिया गया था। इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए युवाओं ने 12 तरह के मोटे अनाज के अलग-अलग व्यंजन बना दिए। इन व्यंजनों में बाजरा, ज्वार, रागी, मक्का, मड़ुआ, कुटकी, चना, मूंग आदि शामिल थे। युवाओं ने फ्राइड राइस की रेसिपी तैयार की है जो मोटे अनाज का है। इसमें उन्होंने कच्ची हल्दी डाली है जो उसके पौष्टिक तत्व को और बढ़ाता है। उसके साथ उन्होंने बाजरा का एक लड्डू बनाया है जो शुद्ध देसी घी से बना है। तीसी की चटनी बनाई है।
प्रतियोगिता के आयोजकों के मुताबिक यह नेशनल एक लेवल का कंपटीशन है, जिसमें पांच राज्यों के सैकड़ों युवा प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। युवा मोटे अनाज से अलग-अलग तरह की डिश तैयार कर रहे हैं। जिसमें हमारे यहां के भी युवा शैफ प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। इसका फाइनल जालंधर में होगा।
कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज के प्रयोग को लेकर बात कही थी, जिसे प्रेरित होकर अब युवा शेफ मोटे अनाज को प्रमोट कर रहे हैं। प्रतियोगिता में जितने भी व्यंजन बनाए गए हैं। सब मोटे अनाज से बनाए गए हैं।
मोटे अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मोटे अनाज का सेवन करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस प्रतियोगिता से मोटे अनाज की बढ़ती लोकप्रियता का पता चलता है। युवाओं का मोटे अनाज से व्यंजन बनाना एक सकारात्मक पहल है। इससे लोगों में मोटे अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोग अपने आहार में मोटे अनाज को शामिल करने लगेंगे।