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जवान बेटे की मौत के आठ महीने बाद पहुंची काशी ये स्पेनिश महिला

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वाराणसी. धर्म नगरी काशी में...Public Khabar

वाराणसी. धर्म नगरी काशी में मां गंगा के किनारे अंतिम संस्कार या फिर यहां अस्थियों को प्रवाहित करने पर मोक्ष यानि मुक्ति पाने की मान्यता है. इसी की एक मिसाल शनिवार को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर एक बार फिर देखने को मिली. स्पेन की एक वृद्ध महिला अपने बेटे के लिए मोक्ष की कामना करते हुए उसकी अस्थियां लेकर यहां पहुंची थी. इस बूढी मां ने जब वैदिक मंत्रों के बीच बेटे की अस्थियों को मां गंगा के आगोश में समर्पित किया तो वहां मौजूद देसी-विदेशी पर्यटकों की आँखें भी नाम हो चलीं.

स्पेन के बार्सिलोना निवासी 70 की उम्र पार कर चुकीं मारिया टेरेसा ने अपने बेटे खोर्डी को मोक्ष की कामना से उसकी अस्थियों को शनिवार को मणिकर्णिका घाट पर गंगा में प्रवाहित किया. स्पेन के बार्सिलोना शहर में रहने वाली मारिया टेरेसा का जवान बेटा खोर्डी एक हादसे में बुरी तरह घायल हो गया था. काफी इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हुआ. 15 मार्च 2018 को अंतिम सांस लेने से पहले बेटे ने मां से अपना अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के साथ करने और अस्थियों को महादेव की नगरी काशी में प्रवाहित करने की इच्छा व्यक्त की. बेटे की अंतिम इच्छा सुनकर मां-बाप की आँखें भर आईं थीं. कुछ देर बाद बेटा दुनिया को छोड़कर चला गया. बेटे की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए मां ने स्पेन के टेररसा में हिंदू रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया.

काशी पहुंचने पर अपने इकलौते बेटे खोर्डी के अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उसने एक गाइड से संपर्क किया और इसे शनिवार को पूरे विधि विधान से अस्थियों का विसर्जन किया गया. मारिया बार्सिलोना से मुंबई के रास्ते शुक्रवार को काशी पहुंचीं. अपने गाइड संजय गुप्ता के साथ मणिकर्णिका घाट पर हिंदू विधि विधान के साथ मारिया ने अपने बेटे खोर्डी की अस्थियां को मोक्ष के लिए गंगा में प्रवाहित किया. मारिया ने कहा बेटे की इतनी आस्था है तो भगवान शंकर भी मेरे बेटे को जरूर मोक्ष प्रदान करेंगे.

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