आज 11 जून 2025 को है ज्येष्ठ पूर्णिमा, जानें दिनभर के शुभ योग, सूर्योदय-सूर्यास्त और स्नान-दान का महत्व

आज 11 जून 2025 को है ज्येष्ठ पूर्णिमा, जानें दिनभर के शुभ योग, सूर्योदय-सूर्यास्त और स्नान-दान का महत्व
X

हिंदू पंचांग के अनुसार आज बुधवार, 11 जून 2025 को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि है, जो अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है। इस दिन धार्मिक आस्था के अनुसार व्रत-उपवास, स्नान-दान और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने की परंपरा है। पूर्णिमा तिथि का आरंभ मंगलवार रात 09:20 बजे से हुआ था और यह आज रात 11:15 बजे तक प्रभावी रहेगी। ऐसे में आज दिनभर पूजा-पाठ और स्नान-दान के लिए अत्यंत शुभ समय है।

इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विशेषकर पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी उत्तम माना जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र, जल, घी, छाता और शीतल पेय पदार्थों का दान करना लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त, ब्राह्मणों को भोजन करवाना और पीपल वृक्ष की पूजा करना भी शुभ फल देने वाला माना गया है।

आज का सूर्योदय और सूर्यास्त का समय:

आज सूर्योदय प्रातः 05:23 बजे हुआ और सूर्यास्त सायं 07:14 बजे होगा। इसी समयावधि में स्नान-दान एवं पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। दिनभर का समय पूर्णिमा तिथि के प्रभाव में रहेगा, इसलिए पूरे दिन धार्मिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जा रहा है।

चंद्रमा और नक्षत्र की स्थिति:

चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में स्थित है और यह राधा नक्षत्र में भ्रमण करेगा। इस योग में की गई पूजा-अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

पूर्णिमा का धार्मिक महत्व:

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर संत कबीरदास जी की जयंती भी मनाई जाती है। इस अवसर पर कई स्थानों पर भजन-कीर्तन, कथा और सत्संगों का आयोजन होता है। भक्तगण इस दिन कबीरवाणी का श्रवण कर जीवन में सदाचार और सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना जा रहा है। अतः इस अवसर पर भक्तजनों को चाहिए कि वे यथासंभव स्नान-दान करें, मंदिर जाएं, पूजा-पाठ करें और जरूरतमंदों की सेवा करें, जिससे उन्हें दिव्य पुण्य की प्राप्ति हो सके।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it