आज ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बना शुभ संयोग, साध्य योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में करें ये उपाय, मिलेगा सुख और समृद्धि

आज का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है क्योंकि आज ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन हर साल विशेष महत्व रखता है, लेकिन इस वर्ष की पूर्णिमा और भी अधिक फलदायी मानी जा रही है क्योंकि आज के दिन साध्य योग और ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। यह योग न सिर्फ पूजा-पाठ के लिए बल्कि जीवन में सकारात्मकता लाने वाले उपायों के लिए भी अत्यंत शुभ होता है।
पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह वह समय होता है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से सजा होता है और धरती पर अपनी ऊर्जा से विशेष प्रभाव डालता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन पवित्र स्नान, दान और व्रत के लिए श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पापों का नाश होता है। साथ ही जिन लोगों को जीवन में बाधाएं, आर्थिक संकट या मानसिक तनाव हो, वे इस दिन कुछ विशेष उपाय अपनाकर राहत पा सकते हैं।
आज के दिन स्नान-दान का अत्यधिक महत्व है। गंगा स्नान, नदी या सरोवर में स्नान कर दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र, जल से भरे घड़े, चंदन, सुगंधित द्रव्य, गौदान, छाता और शर्बत का दान करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करने से मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति मिलती है।
साध्य योग का संबंध कार्यसिद्धि और लक्ष्यपूर्ति से है। ऐसे में यदि आप किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रयासरत हैं, तो आज का दिन संकल्प लेकर उस दिशा में काम शुरू करने के लिए आदर्श है। वहीं, ज्येष्ठा नक्षत्र जीवन के पुराने कर्मों और उनके परिणामों से जुड़ा होता है। इस नक्षत्र में ध्यान, साधना, हवन और मंत्रजाप का विशेष महत्व होता है।
यदि जीवन में लगातार कष्ट, दरिद्रता या पारिवारिक क्लेश चल रहा है, तो आज रात चंद्रमा को दूध मिश्रित जल से अर्घ्य दें और 'ॐ चं चंद्राय नमः' मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक तनाव कम होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी के समक्ष दीपक जलाकर “श्रीं श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से धन-लाभ की संभावनाएं बढ़ती हैं।
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