15 जून 2025 का पंचांग: सूर्य संक्रांति पर बन रहा शुभ योग, जानें पूरे दिन का विवरण

15 जून 2025 का पंचांग: सूर्य संक्रांति पर बन रहा शुभ योग, जानें पूरे दिन का विवरण
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जून 2025 को रविवार का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि इस दिन सूर्य संक्रांति का योग बन रहा है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है और यह समय धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस पल का धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक होता है। खासतौर पर जब यह संक्रांति रविवार को हो, तब इसका प्रभाव और भी विशेष माना जाता है।

रविवार को सूर्य का विशेष प्रभाव और धार्मिक महत्व

इस बार सूर्य संक्रांति रविवार को पड़ रही है, जो स्वयं सूर्य देव को समर्पित दिन है। यह संयोग एक दुर्लभ अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जब सूर्य देव की पूजा और स्नान-दान जैसे कर्मों से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, तर्पण, पितृ कार्य और दान करने से व्यक्ति को कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।

जानिए 15 जून 2025 का शुभ मुहूर्त और सूर्य उदय-अस्त का समय

पंचांग के अनुसार, 15 जून को सूर्य का संक्रांति में प्रवेश दोपहर के समय होगा। इस संक्रांति में स्नान-दान का पुण्यकाल विशेष रूप से सूर्योदय से कुछ समय पहले से शुरू होकर संक्रांति काल तक प्रभावशाली रहेगा।

* सूर्योदय का समय: सुबह 5:24 बजे

* सूर्यास्त का समय: शाम 7:13 बजे

* सूर्य संक्रांति प्रवेश: दोपहर 12:19 बजे लगभग

* पुण्यकाल: संक्रांति के पूर्व और पश्चात 40 घटी (लगभग 16 घंटे)

* राहुकाल (रविवार): शाम 5:30 से शाम 7:00 बजे तक

इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त संक्रांति काल के बाद रहेगा। संक्रांति के समय मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है, अतः इसका ध्यान रखना आवश्यक है।

सूर्य संक्रांति पर क्या करें और क्या न करें?

सूर्य संक्रांति के दिन प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पण करना अत्यंत शुभ होता है। लाल फूल, गुड़, गेहूं और तांबे का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को एक समय फलाहार या जल पर व्रत करना चाहिए। वहीं, इस दिन मांसाहार, शराब, क्रोध, असत्य वचन और अपवित्र आचरण से दूर रहना चाहिए।

15 जून 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष रहने वाला है। सूर्य संक्रांति का योग, रविवार का दिन और शुभ मुहूर्त का संगम इस दिन को और भी पवित्र बना देता है। यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और सफलता की कामना रखते हैं, तो इस दिन सूर्य देव की आराधना और दान-पुण्य अवश्य करें। यह दिन आपके लिए नए शुभारंभ और आत्मिक शुद्धि का एक श्रेष्ठ अवसर हो सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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