15 मई 2025: सिद्ध योग, तृतीया तिथि और गुरु का राशि परिवर्तन—जानें शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, राहुकाल और पंचांग विवरण

15 मई 2025: सिद्ध योग, तृतीया तिथि और गुरु का राशि परिवर्तन—जानें शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, राहुकाल और पंचांग विवरण
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15 मई 2025, गुरुवार का दिन कई मायनों में खास है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को समर्पित है, जो पूर्ण रूप से शुभता और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। तृतीया तिथि का प्रारंभ पूर्व दिन से हो चुका है और यह आज पूरे दिन व्याप्त रहने के बाद भोर 4 बजकर 3 मिनट तक बनी रहेगी। यह अवधि धार्मिक अनुष्ठानों और व्रतों के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

आज का दिन विशेष इसलिए भी है क्योंकि सिद्ध योग का प्रभाव प्रबल रहेगा। यह योग शुभ कार्यों, नई योजनाओं की शुरुआत और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम होता है। यह सिद्ध योग आज दिनभर और पूरी रात बना रहेगा और कल सुबह 7 बजकर 14 मिनट तक प्रभावी रहेगा। अगर आप कोई नया व्यापार, यात्रा या महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा।

नक्षत्रों की बात करें तो आज दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र सक्रिय रहेगा। ज्येष्ठा नक्षत्र अपने प्रभावशाली और उर्जावान गुणों के लिए जाना जाता है। इसके प्रभाव से दिन के पहले भाग में भावनाओं की तीव्रता अधिक रह सकती है, अतः किसी भी कार्य में संयम और विवेक का पालन करें।

एक और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन आज घटित हो चुका है—गुरु (बृहस्पति) अब मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। यह गोचर न केवल राशिचक्र पर प्रभाव डालेगा, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों—शिक्षा, धन, विवाह और करियर में भी बदलाव लेकर आ सकता है। मिथुन राशि में गुरु का आगमन विचारों की स्पष्टता, संवाद कौशल और विवेकशीलता को बढ़ावा देगा।

अब बात करते हैं गुरुवार के राहुकाल की, जो आज दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक रहेगा। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य से परहेज़ करना श्रेयस्कर माना जाता है। राहुकाल में नए कार्यों की शुरुआत नहीं की जाती, क्योंकि यह समय बाधाओं और भ्रमों का संकेतक होता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी दिन की पंचांग गणना में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आज सूर्योदय सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 6 बजकर 58 मिनट पर होगा। इन समयों के अनुसार ही दिन की धार्मिक गतिविधियाँ और पूजन-अर्चन की विधियाँ निर्धारित होती हैं।

संक्षेप में, 15 मई का यह दिन धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष है। शुभ योग, गुरु का राशि परिवर्तन और ज्येष्ठा नक्षत्र की उपस्थिति इसे और अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। ऐसे में यदि आप कोई नया कार्य आरंभ करने का विचार कर रहे हैं या धार्मिक अनुष्ठान करना चाहते हैं, तो आज का दिन आपके लिए श्रेष्ठ हो सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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