21 अप्रैल 2025 का पंचांग: अष्टमी तिथि, साध्य योग और नक्षत्रों के संग बन रहा शुभ संयोग, जानें दिनभर के मुहूर्त और व्रत विवरण

21 अप्रैल 2025 का पंचांग: अष्टमी तिथि, साध्य योग और नक्षत्रों के संग बन रहा शुभ संयोग, जानें दिनभर के मुहूर्त और व्रत विवरण
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वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि इस वर्ष 21 अप्रैल, सोमवार को पड़ रही है। इस तिथि का विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल कालाष्टमी और शीतलाष्टमी व्रत का दिन है, बल्कि इस दिन अनेक शुभ योग भी बन रहे हैं। सोमवार को भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है और जब यह अष्टमी तिथि के संयोग से जुड़ता है, तो इसका पुण्यफल कई गुना बढ़ जाता है।

अष्टमी तिथि और योग का समय:

पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि सोमवार 21 अप्रैल को शाम 6 बजकर 59 मिनट तक प्रभावी रहेगी। यानी इस दौरान सभी व्रत, पूजा और धार्मिक कार्य अष्टमी तिथि के फल देने वाले माने जाएंगे। वहीं, सोमवार की रात 11 बजे तक साध्य योग भी रहेगा, जो सभी प्रकार की साधना, व्रत और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह योग मानसिक शांति, कार्य सिद्धि और अध्यात्मिक उन्नति देने वाला होता है।

नक्षत्र परिवर्तन का समय:

21 अप्रैल को सोमवार दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। इसके बाद श्रवण नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आरंभ किए गए कार्यों में स्थायित्व होता है, जबकि श्रवण नक्षत्र श्रवण और मनन से जुड़ा है—इसलिए यह समय ध्यान, जप और ज्ञान अर्जन के लिए श्रेष्ठ रहेगा।

शीतलाष्टमी व्रत भी इसी दिन किया जाएगा

इस दिन शीतलाष्टमी व्रत भी रखा जाएगा, जो विशेष रूप से शीतला माता को समर्पित होता है। इस व्रत में पारंपरिक रूप से बिना आग जलाए ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है। यह व्रत संतानों की आरोग्यता और घर में रोग शांति के लिए रखा जाता है।

राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय:

21 अप्रैल को राहुकाल दोपहर 7:30 बजे से 9:00 बजे तक रहेगा, इस समय किसी भी शुभ कार्य को टालना चाहिए।

* सूर्योदय का समय: प्रातः 5:45 बजे

* सूर्यास्त का समय: सायं 6:45 बजे

इस दिन बन रहे संयोग धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल

इस दिन का पंचांग दर्शाता है कि योग, तिथि, नक्षत्र और वार का संगम इसे अत्यंत शुभ बना रहा है। सोमवार को शिव की पूजा, अष्टमी व्रत, काल भैरव और शीतला माता की उपासना, साथ ही साध्य योग में की गई तपस्या और मंत्रजप साधक को मनोवांछित फल दिलाने में समर्थ होते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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