ज्येष्ठ का अंतिम बड़ा मंगल, 3 जून 2025 — जानिए दिनभर के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्यगति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां

इस वर्ष ज्येष्ठ मास का चौथा बड़ा मंगल 3 जून 2025 को मनाया जा रहा है। यह दिन न केवल हनुमान भक्तों के लिए धार्मिक रूप से खास है, बल्कि पंचांग के अनुसार यह तिथि कई शुभ संयोगों से भी युक्त है। मंगलवार का यह दिन पूजा, व्रत और दान जैसे पुण्य कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल माना गया है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि भक्तजन दिनभर के शुभ-अशुभ समय को जानकर ही धार्मिक अनुष्ठान करें।
शुभ मुहूर्त: हनुमान पूजा और मंगल कार्यों के लिए उत्तम समय
3 जून को सुबह से ही धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत होगी। ब्रह्म मुहूर्त से लेकर मध्याह्न तक के समय को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा, व्रत, पाठ और भंडारे जैसे कार्यों के लिए उपयुक्त बताया गया है।
* पूजा का प्रमुख मुहूर्त: सुबह 06:15 से 08:45 बजे तक रहेगा।
* अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:55 से 12:50 बजे तक माना गया है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।
* गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:45 से 07:25 बजे के बीच, पूजा और दीप प्रज्वलन के लिए शुभ समय रहेगा।
राहुकाल: इस समय करें पूजा से परहेज़
ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल को अशुभ माना गया है और इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। मंगलवार को राहुकाल दिन के मध्य में आता है।
* 3 जून 2025 को राहुकाल का समय: दोपहर 03:00 से 04:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा, यात्रा आरंभ, या कोई नया काम आरंभ करने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त: दिन की शुरुआत और समापन का समय
* सूर्योदय: सुबह 05:23 बजे
* सूर्यास्त: शाम 07:08 बजे
सूर्योदय के साथ ही भक्त मंदिरों में जुटेंगे और दिनभर की धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत होगी। वहीं सूर्यास्त के समय दीपदान, आरती और प्रसाद वितरण जैसे कार्य होंगे जो भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा से भर देंगे।
धार्मिक दृष्टिकोण से मंगलकारी दिन
3 जून का दिन हनुमान भक्तों के लिए बेहद अहम है। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, और हवन जैसे कार्य इस दिन अधिक प्रभावी माने जाते हैं। पंचांग के अनुसार यह दिन नक्षत्रों और ग्रहों की अनुकूल स्थिति के कारण विशेष फलदायक साबित हो सकता है। विशेष रूप से यदि पूजा तय मुहूर्त में की जाए तो मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और कार्यसिद्धि जैसे फल प्राप्त होते हैं।
ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल 3 जून 2025 का दिन हर दृष्टि से खास है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों को शुभ मुहूर्त में करें और राहुकाल से बचें। सूर्योदय से सूर्यास्त तक का यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर रहेगा, जो हर भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।