कल है ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल: अमरता के वरदान से जुड़ा है पावन दिन, हनुमान भक्तों के लिए अत्यंत शुभकारी अवसर

कल है ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल: अमरता के वरदान से जुड़ा है पावन दिन, हनुमान भक्तों के लिए अत्यंत शुभकारी अवसर
X

ज्येष्ठ मास का चौथा और अंतिम बड़ा मंगल इस वर्ष 3 जून 2025, मंगलवार को पड़ रहा है। यह दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक आस्था और मान्यताओं के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश में बड़े मंगल का उत्सव बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है, और इस बार का मंगल कई मायनों में विशेष है।

पौराणिक मान्यता: हनुमान जी को मिला था अमरता का वरदान

मान्यता है कि ज्येष्ठ के इस विशेष मंगलवार को ही भगवान श्रीराम ने अपने परम भक्त हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था। यही कारण है कि इस दिन को “अमरता मंगल” भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी को यह आशीर्वाद प्राप्त हुआ कि जब तक श्रीराम का नाम इस पृथ्वी पर लिया जाएगा, तब तक वे जीवित रहेंगे और अपने भक्तों की रक्षा करते रहेंगे।

विशेष पूजन विधि और मंगलकारी लाभ

इस दिन विशेष रूप से हनुमान मंदिरों में भव्य झांकी, भजन संध्या, और हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत रखते हैं, और मंदिरों में जाकर लाल फूल, सिंदूर, लड्डू, और चोला चढ़ाकर बजरंगबली की आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है, विशेषकर मंगल दोष, भय और बाधाएं दूर होती हैं।

उत्तर भारत में विशेष आयोजन और प्रसाद वितरण

लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, वाराणसी जैसे शहरों में बड़ा मंगल एक उत्सव का रूप ले लेता है। जगह-जगह भंडारे, हनुमान शोभायात्रा और हवन यज्ञ का आयोजन होता है। कई स्थानों पर हनुमान भक्त अपने घरों में अखंड दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का किया गया संकल्प और सेवा वर्षों तक फलदायी रहता है।

धार्मिक मान्यता और जनविश्वास

बड़ा मंगल केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि जनसहयोग, सेवा और समर्पण का भी प्रतीक बन गया है। अनेक संगठन इस दिन रक्तदान, वस्त्र वितरण और अन्नदान जैसे कार्य भी करते हैं। यही कारण है कि यह पर्व हर वर्ष सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से और भी व्यापक होता जा रहा है।

3 जून 2025 का ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल न केवल पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हनुमान भक्तों के लिए एक दिव्य अवसर भी है, जब वे अपने इष्टदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन की गई पूजा और सेवा निश्चय ही जीवन को संकटों से मुक्त करने वाली मानी जाती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it