अमरोहा में फास्ट फूड बना मौत की वजह: 11वीं की छात्रा की आंतें हुईं क्षतिग्रस्त, इलाज के दौरान तोड़ा दम
चाऊमीन, मैगी और पिज्जा-बर्गर की लत ने छीनी 16 वर्षीय छात्रा की जान, ऑपरेशन के बाद भी नहीं बच सकी

उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक बेहद चौंकाने वाली और चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन एक 11वीं कक्षा की छात्रा के लिए जानलेवा साबित हो गया। 16 वर्षीय छात्रा अहाना को चाऊमीन, मैगी, पिज्जा और बर्गर जैसे जंक फूड खाने का काफी शौक था। लगातार असंतुलित खानपान के कारण उसकी आंतों पर गंभीर असर पड़ा और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उनमें छेद हो गए। परिवार ने उसे तुरंत इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने आपात ऑपरेशन किया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
परिजनों के अनुसार, छात्रा की तबीयत सितंबर महीने से ही धीरे-धीरे खराब होने लगी थी। शुरुआत में पेट दर्द और पाचन से जुड़ी समस्याएं सामने आईं, जिन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज किया गया। लेकिन समय के साथ उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। जब दर्द असहनीय हो गया, तब उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच में आंतों के गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि हुई।
डॉक्टरों के मुताबिक, अत्यधिक फास्ट फूड के सेवन से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इस मामले में छात्रा की आंतें इस कदर कमजोर हो चुकी थीं कि उनमें छेद हो गए, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया। तीन दिसंबर की रात को छात्रा का ऑपरेशन किया गया, लेकिन संक्रमण और जटिलताओं के चलते उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। बदलती जीवनशैली और जंक फूड की बढ़ती लत बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर खतरनाक असर डाल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित आहार, घर का बना भोजन और समय पर स्वास्थ्य जांच इस तरह की घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभा सकती है। अमरोहा की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि स्वाद की आदत कब जानलेवा बन सकती है।
