पांचवां और अंतिम बड़ा मंगल आज, हनुमान जी की विशेष कृपा पाने के लिए करें ये प्रभावशाली उपाय

पांचवां और अंतिम बड़ा मंगल आज, हनुमान जी की विशेष कृपा पाने के लिए करें ये प्रभावशाली उपाय
X

आज का दिन उत्तर भारत के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत खास और श्रद्धा से परिपूर्ण है, क्योंकि आज 2025 का पांचवां और अंतिम बड़ा मंगल मनाया जा रहा है। यह दिन विशेष रूप से भगवान हनुमान को समर्पित होता है, जिन्हें संकटमोचन, अंजनीपुत्र और भक्त वत्सल के रूप में पूजा जाता है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए इस दिन किए गए उपाय अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।

बड़ा मंगल ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को मनाया जाता है, लेकिन आज का मंगल इस श्रृंखला का आखिरी है, इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। भक्तगण इस दिन विशेष व्रत रखते हैं, हनुमान मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और प्रसाद वितरित कर पुण्य अर्जित करते हैं। शहरों में जगह-जगह भंडारे और कन्या भोज का आयोजन किया जाता है, जिससे सामाजिक समरसता भी बनी रहती है।

हनुमान जी की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।

2. हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और उन्हें सिंदूर, चोला, लाल पुष्प और बूंदी के लड्डू चढ़ाएं।

3. हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाकर “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

4. गाय, कुत्ते और गरीबों को भोजन कराना इस दिन विशेष पुण्यदायी माना गया है।

5. श्रीराम नाम का स्मरण और सुंदरकांड का पाठ करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।

आज का शुभ पूजन मुहूर्त

🔸 पूजा का सर्वोत्तम समय: सुबह 06:00 से दोपहर 12:00 बजे तक

🔸 अभिषेक और चोला चढ़ाने का समय: प्रातः काल और संध्या वेला

🔸 आरती का विशेष समय: शाम 7:00 बजे से रात 8:30 बजे तक

बड़ा मंगल: सिर्फ भक्ति नहीं, सामाजिक सद्भाव का पर्व भी

बड़ा मंगल का पर्व केवल भक्ति या व्रत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सेवा का भी बड़ा माध्यम बन चुका है। मंदिरों के आस-पास भंडारों की कतारें, भूखों को भोजन, और जल सेवा जैसे कार्य इस दिन की पहचान बन चुके हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति वही है, जिसमें सेवा और सहानुभूति हो।

आज का दिन हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर है। यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में स्थायी सुख, साहस और स्वास्थ्य बना रहे, तो आज श्रद्धा और विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा अवश्य करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it