सेना की नई कॉम्बैट जैकेट को मिला आईपीआर, वर्दी की नकल करने पर लगेगी कानूनी रोक
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने डिजिटल प्रिंट के साथ तीन लेयर वाली कोट कॉम्बैट जैकेट डिजाइन की, अब इसका बौद्धिक संपदा अधिकार भारतीय सेना के पास

नई दिल्ली. भारतीय सेना ने अपनी नई कोट कॉम्बैट जैकेट के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) हासिल कर लिया है, जिससे अब किसी भी व्यक्ति या संगठन के लिए इसकी नकल करना कानूनी रूप से असंभव होगा। इस तीन लेयर वाली जैकेट को नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने डिजिटल प्रिंट के साथ डिज़ाइन किया है।
सेना अधिकारियों ने बताया कि इस जैकेट को विशेष रूप से सैनिकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। कोट कॉम्बैट जैकेट घने जंगलों, रेगिस्तान और बर्फीले इलाकों में तैनाती के दौरान सैनिकों को आराम और सुरक्षा दोनों प्रदान करेगी।
इसमें इनर, थर्मल और आउटर लेयर शामिल हैं। इनर लेयर शरीर को ठंड से बचाएगी और सांस लेने में आसानी देगी, थर्मल लेयर गर्मी बनाए रखेगी, जबकि आउटर लेयर बाहरी वातावरण से सुरक्षा प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह जैकेट हल्की होने के साथ ही सैनिकों की गतिशीलता में बाधा नहीं डालती।
आईपीआर का महत्व और लाभ
भारतीय सेना ने कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट (डिजाइन और ट्रेडमार्क, कोलकाता) से IPR एप्लीकेशन संख्या 449667-001 के तहत अधिकार हासिल किए। इसके बाद बाजार में नकली जैकेट की संभावना समाप्त हो जाएगी और सैनिकों तक उच्च गुणवत्ता वाले वर्दी ही पहुंचेगी।
सेना के डिज़ाइन ब्यूरो ने इस परियोजना की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि यह स्वदेशी तकनीक और नवाचार का उदाहरण बने। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम डिफेंस क्लोदिंग सिस्टम में आत्मनिर्भरता, नवाचार और सैनिकों के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिटल प्रिंट वाला डिजाइन केवल सुरक्षा का ही नहीं बल्कि पहचान और यूनिफॉर्मिटी का भी अहम हिस्सा है। नकली वर्दी सैनिकों की सुरक्षा और ऑपरेशन की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती है। आईपीआर प्राप्त होने के बाद अब कोई भी इस डिज़ाइन की नकल करने का जोखिम नहीं ले सकता।
NIFT के तकनीकी विभाग ने जैकेट को तीन लेयर में विकसित किया है। इनर लेयर गर्मी बनाए रखती है, थर्मल लेयर मौसम की चुनौती से सुरक्षा करती है और आउटर लेयर मजबूत और हल्की होती है। डिज़ाइन में सैनिकों की सुविधा और वातावरण के अनुसार टिकाऊपन को प्राथमिकता दी गई है।
सेना के अधिकारियों ने कहा, “कोट कॉम्बैट जैकेट पहनकर सैनिक किसी भी वातावरण में आसानी से एक जगह से दूसरी जगह आ-जा सकते हैं। यह सुरक्षा, आराम और सुविधा का उत्कृष्ट मिश्रण है।”
इस नई जैकेट का डिजिटल प्रिंट और डिज़ाइन सेना की विशिष्ट पहचान को बढ़ाएगा और साथ ही किसी भी अनुचित नकल को कानूनी रूप से रोक देगा।

