बड़ा मंगल और वट सावित्री व्रत की पूर्णिमा पर आज बन रहा है शुभ संयोग, जानें पूजा का मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

आज का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत पावन और पुण्यदायी है, क्योंकि इस मंगलवार को बड़ा मंगल और वट सावित्री व्रत एक साथ मनाया जा रहा है। इसके साथ ही आज पूर्णिमा तिथि भी है, जिससे यह दिन और भी अधिक शुभकारी बन गया है। धर्म और आस्था से जुड़े इन तीन महत्वपूर्ण योगों के एकसाथ आने से भक्तों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
बड़ा मंगल विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है, जिन्हें संकटमोचन और अचल भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, मंदिरों में प्रसाद चढ़ाते हैं और भंडारों का आयोजन करते हैं। हनुमान मंदिरों में सुबह से ही दर्शन के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं।
वहीं, आज ही वट सावित्री व्रत भी है जो विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। सावित्री और सत्यवान की कथा इस दिन सुनना तथा पूजा के अंत में वट वृक्ष की परिक्रमा करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
पूर्णिमा तिथि का धार्मिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व होता है। यह दिन चंद्रमा की पूर्णता का प्रतीक है और वैदिक धर्मग्रंथों में इसे सौभाग्य, शांति और समृद्धि की कामना के लिए उपयुक्त दिन बताया गया है।
आज का पूजा मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
🔹 सूर्योदय: प्रातः 05:23 बजे
🔹 सूर्यास्त: सायं 07:08 बजे
🔹 वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त: प्रातः 06:12 से दोपहर 12:44 बजे तक
🔹 बड़ा मंगल पूजन समय: दिनभर किसी भी समय भक्त भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं, विशेष रूप से दोपहर और संध्या काल उपयुक्त माने गए हैं।
व्रत से जुड़ी सावधानियां और विशेष बातें
* व्रतधारी स्त्रियों को व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर संकल्प लेना चाहिए।
* हनुमान जी को चोला चढ़ाना, लाल फूल, सिंदूर, गुड़ और बेसन के लड्डू का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
* वट वृक्ष की जड़ में जल अर्पित कर धागा बांधते हुए सात बार परिक्रमा करें।
* व्रत के दौरान सच्चाई, संयम और आत्मनियंत्रण का पालन करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।