चंद्र ग्रहण 2027: 17 अगस्त को लगेगा साल का अनोखा चंद्र ग्रहण, जानिए कब और कहां दिखेगा इसका दृश्य

चंद्र ग्रहण 2027: 17 अगस्त को लगेगा साल का अनोखा चंद्र ग्रहण, जानिए कब और कहां दिखेगा इसका दृश्य
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खगोल विज्ञान के अनुसार, वर्ष 2027 कई महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं का साक्षी बनेगा। अगस्त महीने में एक बेहद खास और दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। महा सूर्य ग्रहण के कुछ सप्ताह बाद 17 अगस्त 2027 (सोमवार) को चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण वैश्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह पृथ्वी की छाया से होकर गुजरते हुए चंद्रमा की अद्भुत स्थिति को प्रदर्शित करेगा।


ग्रहण का समय और अवधि

पंचांग और खगोलीय गणनाओं के अनुसार, 17 अगस्त 2027 को चंद्र ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर होगी और इसका समापन दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। इस अवधि के दौरान चंद्रमा आंशिक रूप से पृथ्वी की छाया में रहेगा। हालांकि, इस ग्रहण का संपूर्ण दृश्य भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप, और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों से देखा जा सकेगा।


भारत में नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण

भारतीय खगोलीय दृष्टिकोण से यह चंद्र ग्रहण अदृश्य रहेगा क्योंकि यह दिन के समय घटित होगा। चूंकि भारत में उस समय सूर्य का प्रकाश रहेगा, इसलिए देश के किसी भी हिस्से से इसका दृश्य अवलोकन संभव नहीं होगा। हालांकि, वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण अध्ययन के रूप में देख रहे हैं।


खगोल विज्ञान के लिए क्यों खास है यह ग्रहण

यह ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसी वर्ष घटेगा जब 2 अगस्त 2027 को महा सूर्य ग्रहण लगने वाला है — जो 21वीं सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। महा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच लगभग दो सप्ताह का अंतर रहेगा, जिससे यह खगोलीय चक्र और भी दिलचस्प बन जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति को समझने के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।


17 अगस्त 2027 को लगने वाला चंद्र ग्रहण भले ही भारत से दिखाई न दे, लेकिन खगोल विज्ञान के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण तिथि के रूप में दर्ज होगी। यह घटना न केवल अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए रोचक होगी, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का एक अनोखा अवसर भी प्रदान करेगी। इसलिए, यह ग्रहण विज्ञान और अध्यात्म दोनों दृष्टियों से एक उल्लेखनीय क्षण साबित होगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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