दिल्ली की सांस तो फूली ही… अब CJI भी बोले, "सुबह की सैर मुश्किल क्यों हो गई"
दिल्ली की खतरनाक हवा पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण के चलते सुबह की सैर भी मुश्किल हो गई है।

दिल्ली की हवा एक बार फिर ऐसी हो गई है कि आम लोग ही नहीं, देश के मुख्य न्यायाधीश भी इससे जूझ रहे हैं। बुधवार की सुनवाई के दौरान सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण की वजह से सुबह की सैर पर जाना भी भारी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब पचपन मिनट टहलने के बाद उन्हें काफी तकलीफ महसूस हुई।
सीजेआई यह टिप्पणी तब कर रहे थे, जब निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने स्वास्थ्य खराब होने की वजह से केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में एसआईआर मामलों की सुनवाई में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ने से उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती और वह अगली तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होना चाहते हैं। द्विवेदी ने यह भी कहा कि सुबह की सैर के बाद उन्हें असामान्य दिक्कत महसूस हुई है, इसलिए नोट्स लेने का काम उनके सहकर्मी को सौंपने की अनुमति मिलनी चाहिए।
सीजेआई सूर्यकांत ने उनकी बात सुनकर पूछा कि क्या यह तकलीफ दिल्ली की हवा से जुड़ी है। जिस पर द्विवेदी ने प्रदूषण को ही कारण बताया। अदालत में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि इस उम्र में जब हवा की गुणवत्ता चार सौ से पांच सौ के बीच घूम रही हो, तो सामान्य सांस लेना भी चुनौती बन जाता है।
इसके बाद द्विवेदी ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई को वर्चुअल मोड में शिफ्ट कर दिया जाए। सिब्बल ने भी इसका समर्थन किया। सीजेआई ने कहा कि अदालत इस सुझाव पर विचार कर सकती है, लेकिन कोई भी फैसला लेने से पहले बार से सलाह-मशविरा जरूरी होगा। उन्होंने साफ कहा कि अगर सुनवाई के तरीके में बदलाव किया जाता है, तो यह नियम सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए।
