हताश बांग्लादेश सरकार ने क्यों ली इंटरपोल की शरण?
हताश बांग्लादेश सरकार ने इंटरपोल से शेख हसीना के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की माँग की

बांग्लादेश में सत्तारूढ़ प्रशासन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 11 अन्य के खिलाफ इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करने की माँग की है। इस कदम को सियासी विश्लेषक बांग्लादेश सरकार की हताशा भरी रणनीति मान रहे हैं, जो देश की डगमगाती साख और अस्थिर होती आंतरिक स्थिति को ढकने की कोशिश भर है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अनुरोध बांग्लादेश पुलिस ने एक कथित साज़िश के सिलसिले में किया है, जिसमें हसीना और अन्य पर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार को गिराने और नागरिक युद्ध भड़काने के आरोप हैं।
बांग्लादेश पुलिस के सहायक महानिरीक्षक (मीडिया) इनामुल हक़ सागर ने The Dhaka Tribune से बातचीत में बताया, "इन आवेदनों को ongoing जांच या मुकदमे की कार्यवाही के दौरान प्राप्त आरोपों के आधार पर दाखिल किया गया है।"
अगर इंटरपोल यह रेड नोटिस जारी करता है, तो इसका मतलब होगा कि दुनिया भर की कानून-व्यवस्था एजेंसियाँ शेख हसीना समेत सभी 12 लोगों की लोकेशन ट्रेस कर सकेंगी और उन्हें अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकेगा।
सागर ने आगे कहा, "इंटरपोल विदेश में रह रहे भगोड़ों की लोकेशन का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोकेशन कन्फर्म होते ही जानकारी इंटरपोल को दी जाती है। रेड नोटिस का अनुरोध वर्तमान में प्रोसेस में है।"
इस इंटरपोल अर्जी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया जा रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पर नज़र रखने की बात कही है। शेख हसीना, जो कई वर्षों तक बांग्लादेश की प्रमुख सियासी शख्सियत रही हैं, उनके खिलाफ उठाया गया यह कदम देश में बढ़ती अस्थिरता और सत्ता पक्ष की घटती लोकप्रियता का संकेत माना जा रहा है।